रील देखने का चस्का सेहत पर भारी पड़ रहा है। इसके 60 फीसदी शौकीनों को अनिद्रा, सिर दर्द, माइग्रेन जैसी समस्याएं सताने लगी हैं। सो भी गए तो रील के ही सपने आ रहे हैं। यह खुलासा बलरामपुर अस्पताल के एक अध्ययन में हुआ है।
अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य विभाग ने ओपीडी में आए 150 मरीजों पर अध्ययन किया। छह माह के इस अध्ययन में 10 वर्ष के किशोर से लेकर 55 वर्ष तक के मानसिक रोगी शामिल किए गए। इनमें 30 महिलाएं भी थी।
विभाग के अध्यक्ष डॉ. देवाशीष शुक्ला का कहना है कि ज्यादातर मरीजों ने डेढ़ साल से अधिक समय तक रील देखने की बात कुबूल की है। सुबह उठने से लेकर सोने से पहले तक सोशल साइट पर रील देखते हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने आधा से एक घंटे लगातार रील देखने की बात कही। खास बात यह है कि इन मरीजों ने अपना कोई वीडियो या रील सोशल साइट पर साझा नहीं किया। सिर्फ दूसरों की रील देखने के आदी हैं।
किसी काम में नहीं लगता मन-
अध्ययन में शामिल किए गए 150 लोगों में से 30 ने कहा कि जब उन्हें मोबाइल पर रील देखने का मौका नहीं मिलता या फिर किन्हीं कारणों से देख नहीं पाते तो बेचैनी होने लगती है। सिर में दर्द, किसी काम में मन नहीं लगने जैसी स्थिति बन जाती है। कई मौकों पर बीपी भी प्रभावित होता है।
20 फीसदी मरीजों ने दिन ही नहीं, रात में नींद टूटने पर भी रील देखने शिकायत की। मरीजों ने बताया कि जब तक 10 से 15 मिनट रील नहीं देख लेते, तब तक नींद नहीं आती। उलझन महसूस होती है। आस-पास लेटे दूसरे लोगों से बचने के लिए चादर के भीतर मोबाइल चलाते हैं।
डॉ. देवाशीष शुक्ला ने बताया कि अध्ययन में शामिल 60 फीसदी लोगों ने माना कि नींद उड़ने से दिनचर्या प्रभावित हो रही है। नौकरी व पढ़ाई पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है।
ये समस्याएं लेकर पहुंचे अस्पताल-
-सिर दर्द, आंखों में दर्द
– सोते वक्त आंखों में चमक महसूस होना
– खाने-पीने का समय गड़बड़ होना
उपाय-
– लत धीरे-धीरे छोड़ें
– जरूरत पड़ने पर ही मोबाइल इस्तेमाल करें
– मनपसंद किताबों पढें
– दोस्तों से मिलें
– लोगों से बात करें