रायपुर\कुपोषण में कमी लाने के उद्देश्य से संचालित पोषण अभियान के तहत पूरे देश में सितम्बर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। अभियान में व्यवहार परिवर्तन और संप्रेषण एक प्रमुख घटक होगा। छत्तीसगढ़ में इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। पोषण माह के दौरान ‘सही पोषण-छत्तीसगढ़ रोशन‘ की अवधारणा के साथ कुपोषण मुक्ति के लक्ष्यों को पूरा करने के प्रयास किये जाएंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया ने कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन करते हुए पोषण माह को सफल बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि जनजागरूकता से ही कुपोषण मुक्ति के प्रयास सफल हो सकेंगे।
कुपोषण के स्तर में व्यापक कमी लाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 से देशव्यापी पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत हर साल समुदाय तक पहुंच बढ़ाने और व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु जन-आंदोलन के रूप् में राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जाता है। इस साल कुपोषण के प्रति जन-जागरूकता के लिए विभिन्न वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित होंगे और मीडिया के विभिन्न माध्यमों का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाएगा।
राष्ट्रीय पोषण माह 2020 का एक प्रमुख उद्देश्य गंभीर कुपोषित बच्चों का शीघ्र चिन्हांकन और उन्हें संदर्भित किया जाना भी है। इसके लिए कलेक्टरों को कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान बच्चों की उत्तरजीविता में सुधार के लिए 6 माह तक के बच्चों के लिए संपूर्ण स्तनपान को बढ़ावा के के कार्य किये जाएंगे। परिवारों,समुदायों द्वारा पौष्टिक सब्जियां, फलदायक पौधों को घर और सामुदायिक की बाड़ियों, बंजर भूमियों और आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्कूल, शासकीय भवन तथा नगरीय क्षेत्रों में घर की छतों में पोषण वाटिका के निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए सभी विभागों के समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।