नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद के विवादित विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बलकृष्ण द्वारा किए गए भ्रामक विज्ञापन के लिए दी गई माफी को स्वीकार करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे अवमानना के केस को बंद कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि बाबा रामदेव और बालकृष्ण द्वारा जारी की गई माफी के साथ ही इस मामले की कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही समाप्त की जाती है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में विज्ञापनों में किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी से बचा जाए और सही और सत्यापन योग्य जानकारी ही प्रस्तुत की जाए।
आपको बता दे की अपनी याचिका में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के उल्लंघन के लिए पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
योग गुरु और पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव के खिलाफ कोविड-19 के एलोपैथिक उपचार के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर कई राज्यों में केस दर्ज है।एक वीडियो में बाबा रामदेव ने कहा था, ऑक्सीजन या बेड की कमी से ज्यादा लोग एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल से मरे हैं।