केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है। एनडीटीवी से बातचीत में इरानी ने साफ तौर पर कहा कि अगर राहुल को खुद पर भरोसा है तो अमेठी से इलेक्शन लड़कर दिखाएं। उन्होंने कहा, ‘2019 में उन्होंने अमेठी छोड़ दिया और आज अमेठी ने उन्हें छोड़ दिया है। अगर उन्हें खुद पर भरोसा है, तो वायनाड न जाकर अमेठी से लड़कर दिखाना चाहिए।’ बीजेपी लीडर का यह बयान ऐसे समय आया है जब राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है। वहीं, इरानी भी अपने संसदीय क्षेत्र के 4 दिवसीय दौरे पर हैं।
स्मृति इरानी ने कहा, ‘अमेठी की खाली सड़कें यह बताती हैं कि वे राहुल गांधी को लेकर क्या महसूस करती हैं।’ सोनिया गांधी इस बार रायबरेली से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने वाली हैं। वह राज्यसभा चुनाव में खड़ी हुई हैं। अब चर्चा है कि प्रियंका गांधी रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इसे लेकर स्मृति इरानी से सवाल पूछा गया कि बीजेपी की क्या तैयारी है। इस पर उन्होंने कहा, ‘यह पार्लियामेंट्री बोर्ड ही आपको बता सकता है कि रायबरेली से प्रतिनिधि कौन होगा। मैंने कुछ दिनों पहले कहा था कि रायबरेली में भूचाल आने वाला है। किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि गांधी परिवार अपनी मर्जी से रायबरेली सीट छोड़ देगी। हार का यह पहला संकेत है।’
कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था अमेठी
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में अमेठी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को स्मृति इरानी लगभग 55,000 वोटों से हरा दिया था। बीजेपी की यह जीत काफी चौंकानी वाली रही और इसे कांग्रेस की बड़ी हार माना गया। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं। यह राज्य सबसे अधिक सांसदों को संसद में भेजता है। पिछले आम चुनाव में कांग्रेस यूपी से सिर्फ एक सीट ही जीत पाई थी। सोनिया गांधी को रायबरेली लोकसभा सीट से विजय मिली थी। मालूम हो कि राहुल गांधी अमेठी से जरूर हारे, मगर केरल के वायनाड में उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।