राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश: महिलाएं अपने सपनों को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास और साहस का परिचय दें

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नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रत्येक महिला से हिम्मती बनने, बड़े सपने देखने और उन्हें हासिल करने के लिए पूरी ताकत तथा क्षमता का इस्तेमाल करने को कहा है।
श्रीमती मुर्मु ने शुक्रवार को बेंगलुरु में आर्ट ऑफ लिविंग के अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लिया।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि भारत की नारी शक्ति आकांक्षा, उपलब्धि और योगदान के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा , “ चाहे वह विज्ञान हो, खेल हो, राजनीति हो, कला हो या संस्कृति हो, हमारी बहनें और बेटियाँ अपना सिर ऊँचा करके आगे बढ़ रही हैं। वे अपने परिवार, संस्थानों और देश को गौरवान्वित कर रही हैं। मानसिक शक्ति के बिना बाधाओं को तोड़ना और रूढ़ियों को चुनौती देना संभव नहीं है।” उन्होंने प्रत्येक महिला से साहस जुटाने, बड़े सपने देखने और सपनों को हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत और क्षमता का इस्तेमाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य की ओर प्रत्येक व्यक्ति द्वारा उठाया गया प्रत्येक छोटा कदम, विकसित भारत की ओर एक कदम है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम तकनीकी व्यवधान के युग में हैं। प्रौद्योगिकी में प्रगति ने हमें कुछ मायनों में बेहतर जीवन स्तर प्रदान किया है। ऐसी प्रतिस्पर्धी दुनिया में, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे मानवीय मूल्य बरकरार रहें। वास्तव में, प्रत्येक मनुष्य को करुणा, प्रेम और एकता के मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सचेत रूप से अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है। यहीं पर महिलाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। महिलाओं में करुणा के माध्यम से नेतृत्व करने की विशेष क्षमता होती है। वे व्यक्ति से परे देखने और वैश्विक स्तर पर परिवारों, समुदायों और यहां तक ​​कि रिश्तों की भलाई के लिए काम करने की क्षमता रखती हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस सम्मेलन में भाग लेने वाली सभी महिलाएं ऐसे आध्यात्मिक सिद्धांतों के साथ सामने आएंगी, जिन्हें लोग अपने जीवन और अपने आस-पास के लोगों के जीवन को और अधिक सुंदर तथा शांतिपूर्ण बनाने के लिए लागू कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि आर्ट ऑफ लिविंग शिक्षा के क्षेत्र में कई पहल कर रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा से बड़ा मानवता में कोई निवेश नहीं है। सही मार्गदर्शन और सहयोग से कई बच्चे हमारे राष्ट्र की यात्रा में सक्रिय भागीदार बन सकते हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सभी से पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का आग्रह किया।

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