पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत 54 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और नौ केंद्रीय मंत्रियों सहित राज्यसभा के कम से कम 54 सदस्य मंगलवार और बुधवार को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. 91 वर्षीय मनमोहन सिंह की 33 साल की लंबी संसदीय पारी समाप्त होने को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक युग की समाप्ति’ करार दिया है.

अर्थव्यवस्था में कई साहसिक सुधार लाने के लिए जाने जाने वाले मनमोहन सिंह अक्टूबर 1991 में पहली बार सदन के सदस्य बने. वह 1991 से 1996 तक नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री और 2004 से 2014 तक तक प्रधान मंत्री रहे. मनमोहन सिंह के 3 अप्रैल को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद खाली होने वाली सीट पर पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी पहली बार राजस्थान से उच्च सदन में प्रवेश करेंगी.

मनमोहन सिंह के अलावा सात केंद्रीय मंत्री – शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया , पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री पुरषोत्तम रूपाला, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे और सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन – मंगलवार को राज्यसभा में अपना कार्यकाल समाप्त कर रहे हैं.

पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो जाएगा. अश्विनी वैष्णव को छोड़कर, ये बाकी सभी केंद्रीय मंत्री लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्हें उच्च सदन में एक और कार्यकाल नहीं दिया गया है. अश्विनी वैष्णव और मुरुगन को एक और राज्यसभा कार्यकाल दिया गया है.

उच्च सदन से सेवानिवृत्त होने वालों में समाजवादी पार्टी की जया बच्चन भी शामिल हैं, जिन्हें उनकी पार्टी ने एक और कार्यकाल के लिए राज्य परिषद के लिए फिर से नामित किया है. ऐसे ही मनोज कुमार झा हैं, जिन्हें उनकी पार्टी राजद ने बिहार से राज्यसभा के लिए एक और कार्यकाल के लिए फिर से नामांकित किया है, इनके अलावा कांग्रेस ने नसीर हुसैन को कर्नाटक से फिर से नामांकित किया गया है.

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