पीएम मोदी की दूरदर्शिता से भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र होगा मजबूत: इसरो प्रमुख

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नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने भारत के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में उनकी भूमिका के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की.

23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने के अवसर पर सोमनाथ ने अंतरिक्ष क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में पीएम मोदी के नेतृत्व में हाल ही में किए गए नीतिगत सुधारों और पहलों पर प्रकाश डाला.

इसरो प्रमुख ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में कई प्रमुख नीतिगत हस्तक्षेपों में पीएम मोदी का नेतृत्व महत्वपूर्ण रहा है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के रूप में, मोदी ने न केवल सरकारी प्रणाली के माध्यम से नीतियां बनाई हैं, उन्हें लागू भी किया है.”

तीन प्रमुख पहलों पर प्रकाश डालते हुए इसरो प्रमुख ने कहा, “अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद, हम अंतरिक्ष नीति पर काम कर रहे . यह नई नीति अंतरिक्ष विभाग, इसरो और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है, जिससे अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी का मार्ग प्रशस्त होता है.”

उन्होंने कहा,”एक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की भी घोषणा की गई है, जिसमें अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी निवेश या विदेशी निवेश को कुछ नियंत्रणों और विनियमों के साथ अनुमति दी गई है, जो पहले संभव नहीं था.

तीसरा भू-स्थानिक नीति पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, डीएसटी द्वारा किया गया है. इसका मतलब है कि सभी भू-स्थानिक डेटा, उपग्रह डेटा भी अब सभी के लिए पाँच-मीटर रिज़ॉल्यूशन तक निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है, ताकि इस पर एक द्वितीयक प्रभाव डाला जा सके.”

हाल की उपलब्धियों पर विचार करते हुए, सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने की घटना में प्रधानमंत्री की लाइव भागीदारी को याद किया. उन्होंने कहा, “मुझे याद है कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी लाइव प्रसारण देख रहे थे और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से कुछ पल निकालकर हमारे साथ शामिल हुए थे.

” चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद, मोदी ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया और लैंडिंग स्थल का नाम ‘शिव शक्ति पॉइंट’ रखा, जबकि चंद्रयान-2 लैंडिंग स्थल को ‘तिरंगा पॉइंट’ नाम दिया. सोमनाथ ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में मोदी की यात्रा को भी याद किया, जहाँ उन्होंने गगनयान मिशन और अन्य अंतरिक्ष परियोजनाओं में गहरी रुचि दिखाई.

सोमनाथ ने कहा, “हमें अमृतकाल में अंतरिक्ष 2047 के लिए एक दीर्घकालिक रोडमैप, एक विजन तैयार करने के लिए कहा गया था. प्रधानमंत्री गगनयान कार्यक्रम और अंतरिक्ष स्टेशन की योजनाओं सहित भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों पर हमारी प्रस्तुति से बहुत खुश थे.” यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के निदेशक एम शंकरन ने भी चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद प्रधानमंत्री की अंतरिक्ष केंद्र की यात्रा को याद किया.

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