Health Benefits Of Kati Basti Therapy: अगर आप पीठ दर्द, स्ट्रेस, गठिया और फ्रोजन शोल्डर जैसी किसी समस्या से परेशान रहते हैं तो आयुर्वेद की मदद से इस तरह की समस्याओं से निजात पा सकते हैं। आयुर्वेद में कई तरह की जड़ी-बूटियां, मसाज,तेल और थेरेपी की मदद से रोगों का इलाज किया जाता है। ऐसी ही एक थेरेपी का नाम है ‘कटि बस्ती थेरेपी’। यह आयुर्वेदिक थेरेपी वात दोष को संतुलित करके समस्या को दूर करने में मदद करती है। आइए जानते हैं इस आयुर्वेदिक थेरेपी के बारे में।
क्या है कटि बस्ती थेरेपी-
आयुर्वेद की पुरानी थेरेपी में से एक कटि बस्ती थेरेपी भी है। इस थेरेपी को लेने से व्यक्ति को ठ के निचले हिस्से के दर्द में आराम मिलता है और रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है। कटि का मतलब, ‘पीठ का निचला हिस्सा’ और बस्ती का मतलब, ‘किसी चीज को अंदर रखना’ है। इस थेरेपी में पीठ के निचले हिस्से में आटे का एक बड़ा सा घेरा बनाकर उसमें गर्म औषधीय तेल डाला जाता है। जिससे शरीर में पैदा होने वाली गर्मी से दर्द से राहत मिलती है।
कटि बस्ती के फायदे-
-इस थेरेपी से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है।
-इस थेरेपी को लेने से नींद अच्छी आने के साथ तनाव और चिंता दूर होती है।
-कटि बस्ती थेरेपी से पीठ के निचले हिस्से के दर्द से निजात मिलती है।
-कटि बस्ती थेरेपी रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाकर दर्द में आराम देती है।
-कटि बस्ती थेरेपी की मदद से मांसपेशियों की ऐंठन को कम किया जा सकता है।
-माइग्रेन, गठिया, फ्रोजन शोल्डर जैसी परेशानी में भी कटि बस्ती थेरेपी कारगर उपाय है।