उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने गुरुवार को न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह और न्यायमूर्ति आर. महादेवन को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने शीर्ष अदालत परिसर में आयोजित एक समारोह में दोनों न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर शीर्ष अदालत के अन्य न्यायाधीशों, अनेक वरिष्ठ अधिवक्ताओं समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनने से पहले न्यायमूर्ति कोटिश्वर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति महादेवन मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे।
मूल रूप से मणिपुर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति सिंह अपने राज्य के पहले न्यायाधीश हैं जिन्हें उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया। न्यायमूर्ति महादेवन मूलतः तमिलनाडु उच्च न्यायालय से आते हैं।
दोनों न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण के साथ ही शीर्ष अदालत के लिए कुल निर्धारित 34 न्यायाधीशों की संख्या पूरी हो गई।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस के 10 अप्रैल 2024 और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना के 19 मई 2024 को सेवानिवृत्त होने के कारण शीर्ष अदालत में दो न्यायधीश के पद तब से रिक्त थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की सलाह पर दोनों न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। राष्ट्रपति की अनुमति के बाद केंद्र सरकार ने 16 जुलाई को एक अधिसूचना जारी कर दोनों न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर नियुक्त करने की घोषणा की थी।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने 11 जुलाई 2024 को दोनों न्यायाधीशों को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश पद पर नियुक्ति की सिफारिश की थी।