मोदी सरकार ने ‘हिन्दुस्तान’ की पहल को किया साकार, क्या है पूर्वोदय प्लान जिसमें 5 राज्य होंगे कवर

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आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ की पहल पूर्वोदय को केंद्र सरकार साकार करने जा रही है। प्रकृति की सुंदरता, सजीव सांस्कृतिक विरासत को समेटे पूर्वी क्षेत्र के खान-खनिज और अनाज से भारत को उन्नत करने वाले राज्य विकास की मुख्यधारा से पिछड़े रहे। हिन्दुस्तान ने पूर्वोतर के राज्यों के विकास की अवधारणा को पाने के उद्देश्य से अपने विभिन्न संस्करणों में पूर्वोदय की शुरुआत की थी। केंद्र और राज्य तथा पक्ष-विपक्ष के बड़े नीति निर्धारकों, समाज में प्रबुद्ध स्थान रखने वाले शख्सियतों के साथ ‘पूर्वोदय’ अभियान के तहत संवाद का आयोजन किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम रहे। अब भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2024 में विकास की इसी अवधारणा को हासिल करने के उदेश्य से पूर्वोदय की शुरुआत की है।

पूर्वोदय से कैसे बदलेगी पांच राज्यों की तस्वीर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए देश के पूर्वी क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्वोदय नामक योजना तैयार करने का ऐलान किया है। इस योजना में मानव संसाधन विकास (Human Resource Development), अवसंरचना (Infrastructure) और आर्थिक अवसरों का सृजन शामिल किया जाएगा, ताकि यह क्षेत्र विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाए। इन राज्यों में पूर्वादय के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए विशेष स्कीम शुरू की जाएगी। पूर्वोदय योजना के तहत राज्यों में सरकार औद्योगिक गलियारे का भरपूर हर तरीके से समर्थन व सहयोग करेगी।

सड़क परियोजनाओं के लिए केंद्र देगा सहायता

बजट के अंतर्गत बिहार में 26 हजार करोड़ की लागत से प्रस्तावित किए गए पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का विकास और बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने के लिए भी केंद्र सरकार सहायता देगी। झारखंड और बिहार के बीच आवागमन करने वाले लाखों लोगों को इन सड़क परियोजनाओं के पूरी होने से लाभ होगा।

अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के संबंध केंद्र सरकार गया में औद्योगिक केंद्र के विकास में सहायता प्रदान करेगी। इस गलियारे से पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। गया का यह औद्योगिक केंद्र भविष्य के लिए देश के प्राचीन केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने के लिए एक अच्छा मॉडल भी बनेगा। झारखंड को भी इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा।

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