नयी दिल्ली/देहरादून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी है और कहा कि आज से ही उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष का शुभारंभ हो रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हमें अब उज्जवल उत्तराखंड के भविष्य के लिए अगले 25 वर्ष की यात्रा शुरु करनी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में देश के कोने-कोने और विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। उन्होंने कहा कि अभी दो दिन पहले ही प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन का भी सफल आयोजन हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे प्रवासी उत्तराखंड वासी राज्य की विकास यात्रा में ऐसे ही बड़ी भूमिका निभाते रहेंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तराखंड के आप लोग आने वाले 25 वर्षों के संकल्पों के साथ पूरे राज्य में अलग अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों के जरिए उत्तराखंड के गौरव का प्रसार भी होगा और विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य की भी हर प्रदेशवासी तक बात पहुंचेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नौ का अंक बहुत ही शुभ माना जाता है। उन्होंने प्रदेशवासियों और उत्तराखंड आने वाले यात्रियों-श्रद्धालुओं से नौ आग्रह किए। उन्होंने कहा कि पांच आग्रह उत्तराखंड के लोगों से और चार आग्रह यात्रियों-श्रद्धालुओं से। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपनी आने वाली पीढ़ियों को अपनी गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी जैसी बोलियां सिखाएं। ये बोलियां उत्तराखंड की पहचान को मजबूत बनाने के लिए भी जरूरी है। दूसरे, ‘एक पेड़ मां के नाम’ आंदोलन को हम सभी को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि देश भर में ये अभियान तेज गति से चल रहा है। उत्तराखंड भी इस दिशा में जितनी तेजी से काम करेगा, उतना ही हम पर्यावरण परिवर्तन की चुनौती से लड़ पाएंगे।
श्री मोदी ने कहा, “मेरा तीसरा आग्रह है कि आप सभी नदी, नालों का संरक्षण करें। पानी की स्वच्छता को बढाने वाले अभियानों को गति दें। प्रधानमंत्री ने चौथा आग्रह किया कि अपनी जड़ों से जुड़े रहें। अपने गांव लगातार जाएं और वहां से संबंध मजबूत रखें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों से मेरा पांचवां आग्रह है कि अपने गांव के पुराने घरों को भी बचाएं। इन्हें आप होम-स्टे बनाकर अपनी आय बढ़ाने का साधन बना सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड आने वाले सभी पर्यटकों से भी चार आग्रह किए। उन्होंने अपेक्षा की कि जब भी आप हिमालय की गोद में पहाड़ों पर घूमने जाएं, तो स्वच्छता को सर्वोपरि रखें। वोकल फ़ॉर लोकल के मंत्र को वहां भी याद रखें। उन्होंने कहा, “आपकी यात्रा का जो खर्च होता है, उसमें से कम से कम पांच प्रतिशत स्थानीय लोगों द्वारा उत्पादित प्रोडक्ट खरीदने में खर्च करें। मेरा तीसरा आग्रह है कि आप जब भी पहाड़ पर जाएं तो वहां के ट्रैफिक नियमों का ध्यान जरूर रखें। चौथा और अंतिम आग्रह है कि धार्मिक स्थलों के रीति-रिवाजों, वहां के नियम-कायदों के बारे में यात्रा से पहले जरूर पता कर लें।”
श्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार विकास के साथ विरासत को भी सहेजने में जुटी है। देवभूमि की संस्कृति के अनुरूप, केदारनाथ धाम का भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण किया जा रहा है। बद्रीनाथ धाम में विकास कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानस खंड मंदिर माला मिशन के तहत, पहले चरण में 16 पौराणिक मंदिर क्षेत्रों को विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद हुए हैं। कुछ साल पहले बाबा केदार के दर्शन के बाद उनके चरणों में बैठकर कहा था कि ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में उत्तराखंड ने मेरे इस विश्वास को सही साबित किया है। उन्होंने कहा कि देवभूमि के लोग प्रकृति और पर्यावरण के कितने बड़े प्रेमी होते हैं, ये सारा देश जानता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने हम सभी को, भाजपा को हमेशा खूब सारा प्यार और अपनत्व दिया है। भाजपा भी देवभूमि की सेवा की भावना से उत्तराखंड के विकास कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को अपनी आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लंबे समय तक अलग राज्य के लिए प्रयास करना पड़ा था। ये प्रयास तब पूरे हुए जब केंद्र में श्रद्धेय अटल जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रीय जनतांत्रिग गठबंधन (भाजपा-राजग) की सरकार बनी।