प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्री मोदी आज सुबह पहले राजघाट पहुंचे और उन्होंने बापू की 154वीं जयंती पर उन्हें याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रधानमंत्री के साथ इस दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ ही आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती है। श्री मोदी ने विजय घाट पहुंचकर शास्त्री जी को भी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना और आम आदमी पार्टी नेता आतिशी भी मौजूद थीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा, “गांधी जयंती के खास मौके पर वह महात्मा गांधी को नमन करते हैं। महात्मा गांधी का प्रभाव वैश्विक है, जो पूरी मानव जाति को एकता और करुणा की भावना को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम हमेशा उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में काम करते रहें। गांधी जी के विचार हर युवा को उस बदलाव का वाहक बनने में सक्षम बनाएं जिसका उन्होंने सपना देखा था, जिससे सर्वत्र एकता और सद्भाव को बढ़ावा मिले।”
श्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि उनकी सादगी और राष्ट्र के प्रति समर्पण और ‘जय जवान, जय किसान’ का प्रतिष्ठित आह्वान आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करता है। भारत की प्रगति के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और चुनौतीपूर्ण समय में उनका नेतृत्व अनुकरणीय है। हम सदैव सशक्त भारत के उनके दृष्टिकोण को साकार करने के लिए कार्य करते रहें।
प्रधानमंत्री के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी राजघाट और विजयघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता और पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत तमाम राजनेताओं ने राजघाट और विजयघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री को याद किया।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने राजघाट पर राष्ट्रपिता की जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। सत्य, अहिंसा, प्रेम और शांति पर आधारित उनके आदर्शें ने स्वतंत्रता संग्राम को नई शक्ति प्रदान की थी। उन्हें सार्व भौमिक विचार प्रत्येक मानव के कल्याण को लक्षित थे।”