चंडीगढ़ के मेयर (महापौर) के लिए गुरुवार को यानी आज होने वाला चुनाव अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। चुनाव के लिए पीठासीन प्राधिकारी बनाए गए अनिल मसीह के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए मेयर चुनाव स्थगित करने का आदेश दिया गया है। आज सुबह ही कई पार्षदों को एक टेक्स्ट मैसेज के लिए ये जानकारी मिली। पार्षदों को यह मैसेज सुबह 10.30 बजे मिला।
इसमें लिखा है, ‘सभी को सूचित किया जाता है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए बनाए गए पीठासीन प्राधिकारी अनिल मसीह के खराब स्वास्थ्य के संबंध में एक टेलीफोन संदेश मिला है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, सभी से अनुरोध है कि कृपया अगला आदेश प्राप्त होने तक नगर निगम (एमसी) के दफ्तर न पहुंचें।’
इस आदेश के बाद से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि बीजेपी का कोई भी पार्षद नगर निगम के दफ्तर में नहीं पहुंचा, जिसका मतलब है कि उन्हें पहले से ही पता था कि आज चुनाव नहीं होंगे। वहीं गठबंधन की साथी कांग्रेस का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी “हार सामने देखर डर गई है।” कांग्रेस ने कहा कि वह चुनाव स्थगित करने के खिलाफ अदालत जाएगी। सांसद और सीनिर कांग्रेस नेता पवन बंसल ने कहा कि भाजपा हार का सामना करने के लिए तैयार नहीं थी और उन्होंने जानबूझकर चुनाव स्थगित कराया है।
बता दें कि दोनों दल INDIA गठबंधन के तहत मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस और आप ने महापौर पद के लिए गठबंधन करने के बाद निर्णय किया कि आप महापौर पद के लिए चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस के उम्मीदवार वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे।
35 सदस्यीय नगर निगम में भाजपा के पास सबसे अधिक 14 पार्षद हैं, जबकि 13 पार्षदों के साथ AAP दूसरे स्थान पर है। कांग्रेस के पास सात पार्षद हैं, जबकि एक पार्षद अकाली (SAD) से है। इसमें एक पदेन सदस्य सांसद (भाजपा की किरन खेर) भी हैं जिसके पास मतदान का अधिकार होता है। हालांकि इसके बावजूद भाजपा के पास कांग्रेस और आप को हराने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है