सेना के शीर्ष कमांडरों का सम्मेलन इस बार हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा जिसमें मौजूदा स्थिति तथा भविष्य की रणनीति पर विस्तार से विचार विमर्श किया जायेगा।
सम्मेलन के पहले दिन कमांडर वर्चुअल माध्यम से इसमें शामिल होंगे जबकि एक और दो अप्रैल को कमांडर इसमें भौतिक रूप से शामिल होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शीर्ष कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे। यह सम्मेलन सेना के शीर्ष नेतृत्व के लिए वैचारिक मुद्दों पर विचार-मंथन , समीक्षा और सुरक्षा की समग्र स्थिति का आकलन करने के एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। सम्मेलन भविष्य का रुख तय करने की दिशा में महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों को सुगम बनाने वाली प्रमुख प्राथमिकताओं को भी निर्धारित करेगा।
सम्मेलन की अध्यक्षता सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे करेंगे। पहले दिन सेना के कमांडर अपनी-अपनी कमान के मुख्यालय से आभासी रूप से भाग लेंगे। इसमें सेना और पूर्व सैनिकों के कल्याण को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण एजेंडों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य और राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसके प्रभाव के बारे में संबंधित विशिष्ट विशेषज्ञों द्वारा चर्चा भी की जाएगी।
एक अप्रैल को कमांडर भौतिक रूप से सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और इस दौरान अनेक गहन विचार-मंथन सत्रों का आयोजन किया जायेगा। इन सत्रों का उद्देश्य संचालन प्रभावशीलता को बढ़ाना, नवाचार और अनुकूलनशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण एवं विकास कार्यक्रमों पर ध्यान देना है। विचार-मंथन सत्र में सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सेवा कर्मियों के कल्याण से संबंधित मुद्दे भी शामिल होंगे। इसके बाद सेना प्रमुख की अध्यक्षता में सेना समूह बीमा की निवेश सलाहकार समिति की बैठक होगी, जिसमें वित्तीय प्रबंधन क्षेत्र के कई विशेषज्ञ भाग लेंगे। यह समिति सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की वित्तीय सुरक्षा के लिए विभिन्न कल्याणकारी उपायों और योजनाओं के बारे में विचार-विमर्श करेगी। ।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो अप्रैल को कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे और उन्हें संबाेधित करेंगे। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी भी कमांडरों को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में रक्षा सचिव और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।