लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम से महिलाओं को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन के मुख्यधारा में लाने के लिए समान अवसर प्राप्त हुए हैं और इससे भारत विकास की यात्रा में हर तरह की असमानता को दूर कर सकेगा।
श्री बिरला ने संसद के संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों की महिला प्रतिनिधियों के लिए आयोजित ‘पंचायत से संसद तक’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। बाद में उन्होंने महिला प्रतिनिधियों से बातचीत भी की। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों की पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों से विभिन्न पृष्ठभूमि की 500 से अधिक महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर श्री बिरला ने कहा कि भारत विकास में महिलाओं की भागीदारी से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने हाल ही में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संसद के नए भवन में आयोजित पहले ही सत्र में इस ऐतिहासिक अधिनियम को पारित किया गया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका में लाने की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम है।
श्री बिरला ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस अधिनियम का उद्देश्य लोक सभा और राज्य विधान मंडलों में कुल एक तिहाई सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित करना है, जो निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका में लाने में गेमचेंजर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि हालाँकि हमारे संविधान के उद्देश्यों और महिला-पुरुष समानता की वर्तमान वास्तविकताओं के बीच का फासला अभी भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, वहीं सरकार द्वारा हाल ही में की गई इस पहल से महिलाओं को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन के मुख्यधारा में लाने के लिए समान अवसर प्राप्त हुए हैं ।
लोकसभा अध्यक्ष ने भारत के आर्थिक विकास की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत दुनिया के लिए एजेंडा तय कर रहा है। भारत की महिलाएं और युवा दूसरे देशों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने देश के आर्थिक विकास की गति को तेज करने के लिए गांवों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ग्राम विकास के महात्मा गांधी के सपने को साकार कर रहे हैं।