महाशिवरात्रि 8 मार्च को भगवान शिव का पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व में भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। भोलेनाथ अपने भक्तों को इस दिन प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देते हैं। का अनुष्ठान को लेकर शिवालयों में जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। आपको बता दें कि महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का पर्व माना जाता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना से प्रसन्न होकर भोलेनाथ सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर माता पार्वती से विवाह किया था।
महाशिवरात्रि व्रत के नियम
महाशिवरात्रि व्रत में रात्रि जागरण का खास महत्व है, इसलिए इस व्रत में रात को सोना नही ंचाहिए और भगवान के भजन करने चाहिए। भोलेनाथ की घर पर या मंदिर में जाकर विभिन्न चीजों से पूजा अर्चना करनी चाहिए। भोलेनाथ को चंदन से तिलक, बेर, शमी के पत्ते, बेलपत्र और धतूरा भी शिवजी को अर्पित करना चाहिए। व्रत में काले रंग के कपड़ो ंकी बजाय लाल, हरा, पीला पहन सकते हैं। विचारों और शरीर से शुद्ध रहना चाहिए और व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। इस व्रत में एख समय फलाहार कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पूजा के चारों पहर की पूजा का समय
प्रथम प्रहर में पूजा समय शाम में 06:25बजे से रात्रि 09:28 बजे तक
दूसरे प्रहर में पूजा का समय रात 09:28 बजे से 9 मार्च मध्य रात्रि के 12:31 बजे तक
तीसरे प्रहर में पूजा का समय 9 मार्च मध्य रात्रि 12:31 बजे से प्रात: 03:34 बजे तक
चतुर्थ प्रहर पूजा समय 9 मार्च को ही प्रात: 03.34 बजे से सुबह 06:37 बजे तक
महाशिवरात्रि 2024: पूजा का समय
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ 8 मार्च को रात्रि 09:57 बजे से
चतुर्दशी तिथि 9 मार्च को शाम 06:17 बजे समाप्त
निशिता काल पूजा 9 मार्च को सुबह 2:07 बजे से 12:56 बजे
वहीं, शिवरात्रि पारण का समय सुबह 06:37 बजे से 03:29 बजे के बीच है