महाराष्ट्र में मिले जीका वायरस के मामले, सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी

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What is Zika virus: केंद्र ने बुधवार को महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामलों के मद्देनजर सभी राज्यों को एक परामर्श जारी किया है। महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में जीका वायरस के मामले पाए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को परामर्श जारी कर देशभर में हालात पर कड़ी निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया। राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका वायरस जांच पर ध्यान केन्द्रित करें तथा संक्रमित पाई जाने वाली महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल द्वारा जारी परामर्श के अलावा, मंत्रालय ने स्वास्थ्य सुविधाओं से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति का भी निर्देश दिया, जो एडीज मच्छरों से होने वाले संक्रमण की निगरानी करते हुए कार्रवाई करेगा। जीका वायरस संक्रमण एडिज मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर से डेंगू और चिकनगुनिया भी होता है। 2024 में दो जुलाई तक पुणे में जीका के छह और कोल्हापुर व संगमनेर में एक-एक मामला सामने आ चुका है।

आखिर क्या है जीका वायरस और इसके लक्षण?

जीका वायरस एक मच्छर-जनित वायरस है जो मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छरों के समान होते हैं। यह वायरस पहली बार 1947 में युगांडा के जीका जंगल में पाया गया था, और इसका नाम भी वहीं से पड़ा है।

जीका वायरस का संक्रमण अक्सर हल्का होता है और इसके लक्षण बहुत कम हो सकते हैं। लेकिन जब दिखते हैं, तो वे आम तौर पर ऐसे होते हैं-

बुखार: हल्का बुखार हो सकता है।
दाने: त्वचा पर लाल रंग के दाने हो सकते हैं।
जोड़ों में दर्द: खासकर हाथों और पैरों के छोटे जोड़ों में दर्द हो सकता है।
मांसपेशियों में दर्द: सामान्य मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
सिरदर्द: हल्का से मध्यम सिरदर्द हो सकता है।
आँखों में जलन: आँखों में लालिमा या जलन हो सकती है।

जीका वायरस का सबसे गंभीर प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर होता है। यदि गर्भवती महिला जीका वायरस से संक्रमित होती है, तो यह गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे माइक्रोसेफली (बच्चे के सिर का आकार सामान्य से छोटा होना) और अन्य गंभीर मस्तिष्क संबंधी दोष हो सकते हैं। इसके अलावा, जीका वायरस गर्भाशय में होने वाले गर्भपात या मृतजन्म के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

जीका वायरस का उपचार:

आराम: मरीज को पर्याप्त आराम करने की सलाह दी जाती है।
हाइड्रेशन: शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए भरपूर पानी पीना चाहिए।
दर्द निवारक: जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द के लिए डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
चिकित्सकीय सलाह: किसी भी दवाई का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श आवश्यक है।

रोकथाम:

मच्छरों से बचाव: मच्छरों के काटने से बचने के लिए मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाले क्रीम और स्प्रे का उपयोग करें।
खुले कपड़े: खुले और हल्के रंग के कपड़े पहनें जो अधिकतर शरीर को ढकें।
पानी जमा न होने दें: अपने आसपास पानी को जमा न होने दें, क्योंकि यही मच्छरों के पनपने की जगह होती है।
समय पर स्वास्थ्य जांच: यदि आप जीका प्रभावित क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं, तो यात्रा से पहले और बाद में स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं।

जीका वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जागरूकता और सही जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। इसके रोकथाम और उपचार के लिए सही कदम उठाना ही सबसे महत्वपूर्ण है।

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