शिवसेना (UBT) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत मानहानि के एक मामले में दोषी पाए गए हैं। गुरुवार को उन्हें 15 दिनों की कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही अदालत की तरफ से 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने के भी आदेश जारी किए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया की पत्नी की तरफ से राउत के खिलाफ मुकदमा किया गया था।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सिवड़ी अदालत) ने राज्यसभा सदस्य राउत को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि के लिए दंड) के तहत दोषी ठहराया और उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। मेधा सोमैया ने वकील विवेकानंद गुप्ता के माध्यम से दायर अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ निराधार तथा पूरी तरह से मानहानिकारक आरोप लगाए।
क्या था मामला
भाजपा नेता की पत्नी मेधा सोमैया ने राउत के खिलाफ केस किया था। उनका कहना था कि राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ मीरा भयंदर में सार्वजनिक शौचालय के निर्माण में 100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने के निराधार और अपमानजनक आरोप लगाए थे। उन्होंने शिकायत की थी, ‘आरोपी की तरफ से मीडिया में दिए गए बयान अपमानजनक हैं। आम जनता के सामने मेरी छवि खराब करने के लिए आरोप लगाए गए हैं।’
मेधा ने ये आरोप भी लगाए थे कि राउत की तरफ से दिए गए बयान बड़े टीवी चैनल और सोशल मीडिया पर भी टेलीकास्ट हुए थे, जो अपमानजनक थे। कोर्ट में मेधा के वकील की तरफ से राउत के बयान और वीडियो क्लिप भी जमा किए गए थे। साथ ही न्यूजपेपर में प्रकाशित कटिंग भी कोर्ट में दाखिल की गई थी। भाजपा नेता की पत्नी का कहना था कि उनके खिलाफ दिए गए बयान प्रिंट मीडिया और चैनलों के जरिए आम जनता के बीच प्रसारित किए गए थे।
मेधा ने अपनी याचिका में कहा था कि वह माटुंगा स्थित रामनारायण रुइया कॉलेज में 20 सालों से ज्यादा समय तक ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की प्रोफेसर थीं। उन्होंने कहा कि वह 25 से ज्यादा चैरिटेबल कामों में योगदान देती हैं। याचिका में कहा गया, ‘समाज में उनका काफी सम्मान है और शिक्षण और सामाजिक क्षेत्र में वह जाना माना नाम हैं।’