दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली दूसरी जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। अरविंद केजरीवाल को पद से हटाने के लिए दाखिल की गई दूसरी याचिका भी खारिज हो गई है। कोर्ट ने इस मामले पर कहा कि कभी कभी व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित के अधीन करना पड़ता है।
बता दें कि इससे पहले भी कोर्ट इस तरह की याचिका को खारिज कर चुका है। कोर्ट का कहना है कि इस तरह का न्यायिक हस्तक्षेप नहीं हो सकता है। पद से हटाने के लिए याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम ये कैसे कह सकते हैं कि दिल्ली सरकार काम नहीं कर रही है। उपराज्यपाल किसी भी तरह का फैसला लेने में सक्षम है।
कोर्ट का कहना है कि हमारी सलाह की जरुरत नहीं है। वो कानून के अनुरुप ही काम करेंगे। इस मामले में उपराज्यपाल या राष्ट्रपति ही फैसला लेने में सक्षम होते है। कोर्ट ने ऐसे स्थिति में इस मामले में कोई आदेश देने से इन्कार कर दिया है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली है। उपराज्यपाल के पास जाकर वो इस मामले में गुहार लगाएंगे।
हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में हाईकोर्ट मे याचिका दायर की गई है। इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही दिन यानी तीन अप्रैल को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि अरविंद केजरीवाल के वकीलों के पास आज तक का ही समय है, जब वो लिखित में दलील दे सकते है। ये भी उम्मीद जताई जा रही है कि आम आदमी पार्टी के चीफ की याचिका पर हाई कोर्ट की ओर से आदेश आज जारी हो सकता है।