नयी दिल्ली/कुवैत सिटी, कुवैत में अहमदी प्रांत के मंगाफ क्षेत्र में छह मंजिला इमारत में विनाशकारी आग बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी, जिसमें 40 से अधिक भारतीय नागरिकों की मौत हो गई थी।
कुवैती अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। भारतीय विदेश राज्य मंत्री केवी सिंह ने और अधिक अस्पतालों का दौरा किया, जहां जख्मी भारतीयों का इलाज चल रहा है। कुवैत के दमकल बल ने गुरुवार को घोषणा की कि राजधानी के दक्षिण में अल-मंगाफ में लगी घातक आग का कारण बिजली का शॉर्ट सर्किट था। बयान में कहा कि छह मंजिला इमारत में घटनास्थल की फील्ड जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया। आग लगने के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था और 49 लोगों की जान चली गई थी। जांच में तहखाने में कुली का कमरा को भी शामिल था, जहां से आग लगने की आशंका जताई जा रही है।
इस बीच, कुवैत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री, गृह मंत्री एवं रक्षा मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ ने कहा कि 48 शवों की पहचान कर ली गई है, जिनमें से 45 भारतीय राष्ट्रीयता के और तीन फिलिपिनो राष्ट्रीयता के हैं और अंतिम शव की पहचान निर्धारित करने कोशिश की जा रही है। इससे पहले, कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने आदेश दिया था कि मृतकों के शवों को भारत वापस ले जाने के लिए विमान तैयार किए जाएं। कुवैत टाइम्स के अनुसार, भारतीय राज्य मंत्री केवी सिंह ने कुवैती विदेश मंत्रालय से शवों को उस विमान में ले जाने की इच्छा व्यक्त की, जिस विमान से वे कुवैत पहुंचे हैं। इसके बावजूद, कुवैत के अमीर ने बैकअप के रूप में एक अतिरिक्त विमान तैयार करने के आदेश जारी किए। अल अनबा अखबार के अनुसार, कुवैत अमीर ने पीड़ितों के प्रत्येक परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी आदेश दिया है।
जनसंपर्क एवं मीडिया विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर जनरल मुहम्मद अल-ग़रीब ने कुवैत की समाचार एजेंसी (कुना ) को बताया कि आग उक्त संपत्ति के भूतल पर लगी थी। गैस सिलेंडरों की मौजूदगी ने आग को तेजी से भड़काया और इसे और बढ़ा दिया, जिसके कारण धुएं का गुबार उठा और लोगों की मौत होने और जख्मी होने की घटना घटित हुयी। इस बीच, इमारत की मालिक एनबीटीसी कंपनी के प्रबंधन ने कहा कि वह मृतकों के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द स्वदेश भेजने के लिए सरकारी एजेंसियों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। प्रबंधन ने एक बयान में कहा कि तत्काल राहत के रूप में, इस दुखद घटना में अपनी जान गंवाने वाले सभी लोगों के परिवारों को आठ-आठ लाख रुपये की राहत देने की घोषणा की गई है।