World Thalassemia Day 2024: दुनियाभर भर में हर साल 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है। यह खास दिन थैलेसीमिया रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने, इसके लक्षण,निदान और उपचार के विकल्पों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के मुख्य उद्देश्य के साथ मनाया जाता है। बता दें, थैलेसीमिया खून से जुड़ा एक गंभीर रोग है, जिसमें व्यक्ति के शरीर में हीमोग्लोबिन बनना बंद हो जाता है। यह बीमारी पेरेंट्स से बच्चों तक पहुंचती है। विश्व थैलेसीमिया दिवस के मौके पर आइए जानते हैं आखिर क्या है इस दिन को मनाने के पीछे का इतिहास,महत्व और थीम।
थैलेसीमिया के लक्षण-
-सर्दी-जुकाम बने रहना
-कमजोरी और उदासी बने रहना
-सांस लेने में तकलीफ
-कई तरह के संक्रमण होना
-शरीर में पीलापन बने रहना
-दांत बाहर की ओर निकल आना
-आयु के अनुसार शारीरिक विकास ना होना
विश्व थैलेसीमिया दिवस का इतिहास-
अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाने की शुरुआत साल 1994 में थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन (टीआईएफ) द्वारा की गई थी। जॉर्ज एंगलजोस इस थैलेसीमिया अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन के अध्यक्ष और संस्थापक के रूप में काम करते थे। टीआईएफ, एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है, जिसकी स्थापना साल 1986 में पैनोस एंगेल्स ने अपने बेटे जॉर्ज और अन्य थैलेसीमिया मरीजों की याद में की थी, जिन्होंने इस बीमारी से डटकर लड़ाई लड़ी थी।
विश्व थैलेसीमिया दिवस का महत्व-
थैलेसीमिया खून से जुड़ी एक बीमारी है, जो माता-पिता से उनके बच्चों तक पहुंचती है। लेकिन आज भी इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच कई तरह के मिथक मौजूद हैं। ऐसे में लोगों तक इस बीमारी की सही जानकारी पहुंचाने और इसके प्रति दुनियाभर में जागरुकता फैलाने के मकसद से हर साल इंटरनेशनल थैलेसीमिया डे मनाया जाता है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस की थीम-
हर साल विश्व थैलेसीमिया दिवस को मनाने के लिए एक खास थीम रखी जाती है। इस साल की थीम का नाम है-‘जीवन को सशक्त बनाना, प्रगति को अपनाना: सभी के लिए समान और सुलभ थैलेसीमिया उपचार’