Can over exercising cause heart problems: बात चाहे मोटापा कम करके बॉडी को शेप में लाने की हो या फिर सेहतमंद बने रहने की, एक्सरसाइज हर मर्ज की दवा मानी जाती है। एक्सरसाइज को अपने रूटिन में शामिल करने से व्यक्ति न सिर्फ फिट बना रहता है बल्कि कई रोग भी उससे दूर रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं सेहत के लिए इतनी फायदेमंद होने के बावजूद जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने से आपको फायदा नहीं नुकसान होना शुरू हो जाता है। जी हां, जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज आपको बीमार भी बना सकती है। ऐसे में फोर्टिस हेल्थकेयर के (डायरेक्टर एवं एचओडी) कार्डियोलॉजिस्ट डॉ संजय कुमार कहते हैं कि ओवरएक्सरसाइज (जरूरत से ज्यादा व्यायाम) और डाइटरी सप्लीमेंट्स का सेवन, दोनों ही दिल की सेहत को प्रभावित करते हैं, लेकिन हृदय संबंधी रोगों के साथ इनका संबंध काफी जटिल है। एक्सरसाइज करने से पहले व्यक्ति को अपनी बॉडी की जरूरत और क्षमता को अच्छी तरह समझना चाहिए। तय सीमा में एक्सरसाइज करने से शरीर को नुकसान से बचाया जा सकता है।
ओवरएक्सरसाइज और हृदय रोग के बीच संबंध-
आमतौर पर नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में लिप्त होना दिल की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से हृदय रोगों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। लेकिन ओवरएक्सरसाइज या जरूरत से ज्यादा व्यायाम करने से कई बार हृदय पर बुरा असर भी पड़ सकता है। ओवरस्ट्रेनिंग सिंड्रोम उस अवस्था को कहते हैं जो अत्यधिक व्यायाम के कारण पैदा होती है, इसकी वजह से हृदय गति बढ़ सकती है, उच्च रक्तचाप और इंफ्लेमेशन का जोखिम भी बढ़ता है और ये सब मिलकर हृदय संबंधी परेशानियों को बढ़ाते हैं।
किन लोगों को होता है दिल संबंधी परेशानियों का जोखिम ज्यादा-
एक्सट्रीम एंड्योरेंस स्पोर्ट्स गतिविधियों जैसे मैराथन रेस या अल्ट्रा-एंड्योरेंस इवेंट्स में भाग लेने वाले लोगों को हृदय संबंधी परेशानियों का जोखिम अधिक होता है। लंबे समय तक, गहन व्यायाम करने के कारण कार्डियक रीमॉडेलिंग होती है, जिसमें हृदय की संरचना और कार्यप्रणाली में कई बार कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जिन्हें हेल्दी नहीं कहा जा सकता। जिसकी वजह से एरिथमिया (दिल की अनियमित धड़कन), कोरोनरी धमनी (आर्टरी) रोग का अधिक जोखिम और मायोकार्डियल इन्फार्कशन (हार्ट अटैक) का खतरा भी बढ़ जाता है।
डाइटरी सप्लीमेंट्स तथा हृदय रोग-
डाइटरी सप्लीमेंट्स जैसे विटामिन, खनिज और हर्बल उत्पादों को अक्सर हृदय की सेहत के लिए लाभकारी बताकर बेचा जाता है। हालांकि इनमें से कई सप्लीमेंट्स सचमुच हार्ट की फंक्शनिंग (हृदय की कार्यप्रणाली) के लिए जरूरी पोषक तत्व प्रदान करते हैं, लेकिन कुछ का प्रतिकूल असर भी होता है और यह भी संभव है कि इन उत्पादों के संबंध में किए जाने वाले दावों की वैज्ञानिक रूप से पुष्टि नहीं की गई हो।
उदाहरण के लिए, फिश ऑयल सप्लीमेंटस – ओमेगा-3 फैटी एसिड के बारे में माना जाता है कि इनके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और लिपिड-घटाने वाले प्रभावों के चलते हृदय रोगों का खतरा कम होता है, लेकिन कुछ खास विटामिनों और खनिजों का अत्यधिक सेवन जैसे कि कैल्शियम या आयरन का ज्यादा सेवन कई बार दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक भी होता है।
इसका रखें खास ख्याल-
इस बात का खास ख्याल रखें कि डाइटरी सप्लीमेंट्स उद्योग पर फार्मास्युटिकल उद्योगों की तरह कड़ा नियंत्रण नहीं होने पर इनकी गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं। सप्लीमेंट्स का दुरुपयोग या अत्यधिक प्रयोग करने के अवांछित परिणाम सामने आ सकते हैं, जिसमें दवाओं के संपर्क में आने की वजह से कई बार कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को संभावित नुकसान पहुंचना शामिल है।
ओवरएस्सरसाइज और डाइटरी सप्लीमेंट्स के बीच भी अंतरसंबंध –
ओवरएस्सरसाइज और डाइटरी सप्लीमेंट्स के बीच भी अंतरसंबंध हो सकता है। कुछ लोग जो एक्सट्रीम एक्सरसाइज रूटीन का पालन करते हैं, वे इन सप्लीमेंट्स का अधिक सेवन कर सकते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ये प्रोडक्ट्स उनकी परफॉरमेंस या सपोर्ट रिकवरी को बेहतर बनाते हैं। लेकिन सच यह है कि यह कंबीनेशन खतरनाक हो सकता है और अत्यधिक व्यायाम तथा कुछ खास किस्म के सप्लीमेंट्स का सेवन करने से हृदय पर दबाव भी बढ़ सकता है जिसके कारण कार्डियोवास्क्युलर स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
सलाह-
व्यायाम और शरीर को आराम देने के बीच संतुलन बनाकर रखना जरूरी होता है। इसके लिए खुद को ओवरस्ट्रेन नहीं करें और किसी भी तरह के डाइटरी सप्लीमेंट्स का प्रयोग शुरू करने से पहले हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स से अवश्य सलाह लेनी चाहिए। व्यायाम और पोषण के मामले में मेडिकल परामर्श और नियमित स्वास्थ्य जांच करने से ओवरएक्सरसाइज एवं डाइटरी सप्लीमेंट्स संबंधी किसी भी जोखिम को समय रहते कम किया जा सकता है और साथ ही, दिल की सेहत का भी ख्याल रखा जा सकता है।