जन्माष्टमी के पावन पर्व पर ब्रज मंडल का कोना कोना कृष्णमय हो गया है और भक्ति यहां पर नृत्य कर रही है।
मन्दिरों में लम्बी लम्बी लाइने लगी हैं। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आज श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित भागवत भवन मन्दिर में पूजन अर्चन कर प्रदेश और राष्ट्र के कल्याण की कामना की। मन्दिर में आरती उतारने के बाद उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान संस्थान के सचिव कपिल शर्मा के सुझाव पर गर्भगृह में विगृहों की परिक्रमा भी की।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 5251 वर्ष पूर्व भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार लीलाधारी श्रीकृष्ण मां देवकी-वसुदेव के सुपुत्र के रूप में अवतरित हुए थे। उन्होंने सत्य एवं न्याय की स्थापना का कार्य त्रेता और द्वापर युग में पूर्ण करके श्रीमदभगवत गीता के साश्वत मंत्रों के माध्यम से देशवासियों को नई संजीवनी दी है। योगी ने जन समुदाय को जन्माष्टमी के अवसर पर शुभकामनाएं भी दी तथा ठाकुर से प्रार्थना की कि प्रदेश और देश में सुख समृद्धि की वर्षा होती रहे।
योगी ने कहा जिस धर्म और पथ का अनुसरण करके भगवान श्रीकृष्ण ने सत्य और न्याय की स्थापना का संदेश पांच हजार से अधिक समय पूर्व दिया था उस पर अनुसरण करके राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पण से कार्य कर सकें यही भगवान से प्रार्थना है।
उन्होंने सभी को मिलकर विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने अपने निर्धारित कार्यक्रम से अलग हटकर रविवार की देर शाम ठाकुर बांकेबिहारी मन्दिर में पूजन अर्चन किया। मन्दिर के सेवायत आचार्य ज्ञानेन्द्र किशोर गोस्वामी ने उनसे मन्दिर के श्री विगृह के सामने घी का दीपक भी जलवाया। बिहारी जी के समक्ष दीपक को जलाना बहुत अधिक शुभ माना जाता है।
आज सुबह जब जन्माष्टमी की शुरूआत श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शहनाई और बम्ब वादन से हुई तो जन्मस्थान परिसर में मौजूद हजारों श्रद्धालु भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे। इसके बाद ही मंगला आरती हुई तथा अभिेषेक के बाद उपस्थित जनसमुदाय में चरणामृत का वितरण किया गया।जन्मस्थान परिसर के गर्भगृह को जेल का स्वरूप देना आज तीर्थयात्रियों की चर्चा का विषय बना रहा। समाचार मिलने तक दो लाख से अधिक लोग श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित मन्दिरों के दर्शन कर चुके थे तथा श्रद्धालुओं का तेजी से आना जारी था।
विख्यात द्वारकाधीश मन्दिर में आज जन्माष्टमी की शुरूवात पहले कान्हा की प्रिय वंशीवादन से हुई तथा बाद में शहनाई और नगाड़ी भी इसमें शामिल हो गए।मन्दिर के जनसंपर्क अधिकारी राकेश तिवारी के अनुसार आज प्रातःकालीन अभिषेक के बाद मन्दिर में मौजूद सभी भक्तो में चरणामृत का वितरण किया गया। शहर में रहनेवाले अधिकांश लोग इस चरणामृत को गृहण करने के बाद ही अपना वृत शुरू करते हैं।
वृन्दावन के मन्दिरों में आज जन्माष्टमी मनाई गई।राधा श्यामसुन्दर मन्दिर में आज जन्माष्टमी की शरूवात अखंड हरिनाम संकीर्तन से हुई। यह संकीर्तन रात 2 बजे तक अनवरत रूप से चलता रहेगा।