कोयला ब्लॉक घोटाला मामले में इस्पात मंत्रालय के पूर्व अधिकारी को तीन साल की सजा

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अदालत ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित कोयला ब्लॉक घोटाला मामले में इस्पात मंत्रालय के पूर्व अधिकारी को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने जी के बसाक को तीन साल के सश्रम कारावास और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। अदालत इससे पहले 19 अगस्त को सजा की अवधि पर दलीलें सुन चुकी है।
सरकारी वकील ने सजा के बिंदु पर लिखित दलील दाखिल कर अधिकतम सजा और भारी भरकम जुर्माना लगाने की प्रार्थना की है।
जी.के. बसाक के वकील अजीत सिंह ने अदालत के समक्ष कहा कि दोषी 72 वर्ष का है, हृदय और प्रोस्टेट रोग से पीड़ित है। उन्होंने कहा कि दोषी की पत्नी के घुटने की सर्जरी हुई है और वह ब्रोंकाइटिस अस्थमा की मरीज है और उसे उनकी सहायता की जरूरत है। उसकी देखभाल के लिए परिवार का कोई अन्य सदस्य नहीं है। दोषी की एक ही बेटी है जो शादीशुदा है और दूसरे शहर में रहती है।
वकील ने यह भी कहा कि दोषी को 13 साल से अधिक समय तक मुकदमे की कड़ी सजा भुगतनी पड़ी है ,वह 09.04.2012 से इस मामले की सुनवाई में भाग ले रहा है।
उन्होंने प्रस्तुत किया है कि ऐसा कोई आरोप नहीं है कि 05.09.2008 को रिपोर्ट देने के लिए उन्हें कोई मौद्रिक लाभ हुआ था। दोषी द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर मेसर्स पीआईएल को कोई कोयला ब्लॉक आवंटित नहीं किया गया था और इसलिए सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा है कि मेसर्स पीआईएल और उसके निदेशक ए.के. चतुर्वेदी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया है और पूरी प्रक्रिया में दोषी की न्यूनतम भूमिका थी। वकील ने सजा में नरमी बरतने का अनुरोध किया।
विशेष अदालत ने 18 अगस्त को इस्पात मंत्रालय के जेपीसी (संयुक्त संयंत्र समिति) के पूर्व कार्यकारी सचिव गौतम कुमार बसाक को विजय सेंट्रल कोल ब्लॉक के आवंटन में भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया और सजा की मात्रा पर बहस सुनने के बाद सजा तय की। फैसला सुनाने के लिए 22.08.2023 की तारीख तय की गई ।
दोषी ठहराए जाने के समय दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा, ‘इस्पात मंत्रालय के पूर्व अधिकारी सौमेन चटर्जी के खिलाफ लगाए गए आपराधिक कदाचार के ठोस आरोप के सवाल पर विचार करते समय मामले से संबंधित सभी परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा की गई है।

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