कंगना रनौत ने जेपी नड्डा से की मुलाकात, जान से मारने की धमकी के बाद मांगी सुरक्षा

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नई दिल्ली: भाजपा सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत को जान से मारने की धमकी मिली है. एक्ट्रेस ने मंगलवार (28 अगस्त) को पुलिस से मदद मांगी. सोशल मीडिया पर उनकी अगली फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज को लेकर कुछ लोगों ने उन्हें धमकी दी है. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है. फिल्म में कंगना रनौत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं. सोशल मीडिया पर फिल्म का ट्रेलर जारी होने के बाद उन्हें धमकियां दी गईं.

वीडियो में छह लोग एक कमरे में घेरा बनाकर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं. इनमें से दो निहंग सिखों की तरह कपड़े पहने हुए हैं. उनमें से एक व्यक्ति कहता है कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो सिख समुदाय इसकी निंदा करेगा. वह कहता है, “आपकी फिल्म का चप्पलों से स्वागत किया जाएगा.”

“अगर फिल्म में उन्हें (खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले) आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो याद रखें कि उस व्यक्ति (इंदिरा गांधी) के साथ क्या हुआ था जिसकी फिल्म आप कर रहे हैं.” विक्की थॉमस सिंह नाम के एक अन्य व्यक्ति ने चेतावनी दी जो खुद को X पर एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बताता है और नियमित रूप से भिंडरावाले की तारीफ करते हुए वीडियो शेयर किया है. उन्होंने इंदिरा गांधी के बॉडीगार्ड सतवंत सिंह और बेअंत सिंह के बारे में भी बात की जिन्होंने 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की थी. एक्ट्रेस ने पोस्ट शेयर की और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक , हिमाचल पुलिस और पंजाब पुलिस को टैग किया. उन्होंने Xपर लिखा, “कृपया इस पर गौर करें.”

कंगना रनौत गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने पहुंची . बताया जा रहा है कि नड्डा ने कंगना को किसी भी तरह के आपत्तिजनक बयान देने से बचने की सलाह दी है और शब्दों के चुनाव का सुझाव दिया है. अभिनेत्री से नेता बनी कंगना ने पिछले दिनों किसान आंदोलन को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसके बाद पार्टी ने उनके बयान से किनारा किया था.

कंगना के बयान को लेकर जब विवाद बढ़ने लगा तो 26 अगस्त को भाजपा ने एक बयान जारी कर कंगना के बयान पर असहमती जताई थी. पार्टी ने बयान में कहा था कि कंगना को पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है और नही वे पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत हैं. बुधवार को एक साक्षात्कार में कंगना ने अपनी गलती स्वीकारी थी और कहा था वह शब्दों के चयन में सावधानी बरतेंगी.

कंगना ने क्या दिया था बयान ?

कंगना ने कहा था कि 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के दौरान लाशें लटकती देखी गईं और बलात्कार हो रहे थे. उन्होंने विरोध-प्रदर्शन जारी रहने के लिए स्वार्थों और विदेशी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब बांग्लादेश बन जाता. उनकी टिप्पणी पर विपक्ष भाजपा पर हमलावर था. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी बयान की निंदा की थी.

क्या है फिल्म के विरोध का कारण

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने फिल्म को सिख विरोधी बताया है. फिल्म और कंगना के खिलाफ FIR भी दर्ज करने की मांग की है. इतना ही नहीं उन्होंने फिल्म को पास करने के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की भी आलोचना की और फिल्म के तथ्यों के एनालिसिस के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रतिनिधियों को भी शामिल करने की मांग की है. वहीं ऑस्ट्रेलिया बेस्ड एक सिख परिषद ने ‘इमरजेंसी’ को एक प्रोपोगेंडा फिल्म करार दिया है और आरोप लगाया है कि यह ऐतिहासिक घटनाओं को खराब करती है और सिख शहीदों के लिए ‘अपमानजनक’ है.

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