नई दिल्ली. भारत में किसान आंदोलन 2.0 की आहट सुनाई दे रही है। खबर है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है। साथ ही किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की भी घोषणा की है। खास बात है कि राजधानी दिल्ली में साल 2021 में गणतंत्र दिवस के दौरान ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया था, जिसके चलते भारी हिंसा और तोड़फोड़ की खबरें सामने आई थीं।
संयुक्त किसान मोर्चा का साथ किसान मजदूर मोर्चा भी देने जा रहा है। सोमवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने जानकारी भी दी। उन्होंने कहा, ‘इसके विरोध में हम मोदी सरकार के खिलाफ 1 अगस्त को विरोध प्रदर्शन का ऐलान करते हैं। हम 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च भी करेंगे। हम नए आपराधिक कानूनों की प्रतियां भी जलाएंगे।’
आगे कहा गया, ‘हम 31 अगस्त को भी विरोध प्रदर्शन करेंगे, क्योंकि हमारे शुरुआती विरोध प्रदर्शन को 200 दिन पूरे हो रहे हैं…। हम सितंबर में जींद में रैली करेंगे और सितंबर में ही हरियाणा के पीपली में रैली करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हमने MSP गारंटी को कानूनी बनाने की मांग की है। सरकार का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा, लेकिन हमने आर्थिक जानकारों से बात की है और उन्होंने कहा है कि यह सच नहीं है।’
टाइम्स नाउ के अनुसार, किसान नेता अभिमन्यु ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कोर्ट के आदेश के बाद भी सीमाओं को बंद रखा है। उन्होंने कहा, ‘हमने ऐलान किया है कि जब भी सीमाएं खुलेंगी, हम हमारी ट्रॉलियों में दिल्ली की ओर बढ़ेंगे।’ खास बात है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य या MSP को लेकर किसान फरवरी से ही केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही पंजाब और हरियाणा के किसान यूनियन्स ने पंजाब में अंबाला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज करने की धमकी दी थी।
किसान आंदोलन
1 अगस्त- 13 फरवरी को किसानों के खिलाफ हिंसा में शामिल पुलिस कर्मियों के सम्मान समारोह के खिलाफ प्रदर्शन
15 अगस्त- मोदी सरकार के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च
31 अगस्त- 13 फरवरी के विरोध प्रदर्शन के 200 दिन पूरे होने के मौके पर प्रदर्शन
1 सितंबर- उत्तर प्रदेश के संभल में किसानों की रैली
15 सितंबर- हरियाणा के जींद में किसान रैली
22 सितंबर- हरियाणा के पीपली में किसानों की रैली