खुश रहने से सेहत को मिलते हैं ये गजब के फायदे

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दुनियाभर में  ‘वर्ल्ड हैप्पिनेस डे 2024’मनाया जा रहा है। यह खास दिन हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने के पीछे का उद्धेश्य लोगों को खुश रहने के लिए प्रेरित करना है। जो लोग सारा दिन उदास, चिंतित और तनाव से घिरे रहते हैं, उन्हें जल्दी ही कई रोग घेर लेते हैं। जबकि स्वभाव से खुशमिजाज लोग जिंदगी के हर पल को लंबे समय तक भरपूर जीते हैं। आज इस खास मौके पर आइए जान लेते हैं खुश रहने से सेहत को मिलते हैं क्या गजब के फायदे।

खुश रहने से सेहत को मिलते हैं ये फायदे-

इम्यून सिस्टम होता है बूस्ट-
आपको जानकर हैरानी होगी कि खुश रहने वाला व्यक्ति उस व्यक्ति की तुलना में हमेशा कम बीमार पड़ता है, जो दुखी और गुस्से में रहता है। खुश रहने से व्यक्ति का इम्यून सिस्टम अच्छा बना रहता है। ऐसा व्यक्ति दूसरे लोगों की तुलना में हमेशा समय से भोजन करता है। समय से भोजन और पर्याप्त नींद लेने की वजह से ऐसे व्यक्तिय का इम्यून सिस्टम दूसरे लोगों की तुलना में अधिक मजबूत रहता है।

लंबा जीवन-
खुश रहने से कई रोगों के खतरे को कम किया जा सकता है। जर्नल ऑफ हैप्पीनेस स्टडीज के अध्ययन में यह बताया गया है कि जो लोग खुश रहते हैं उन्हें कई रोग होने का खतरा कम हो जाता है। ऐसे लोग दूसरे लोगों की तुलना में लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। हालांकि यह तर्क हर किसी के लिए नहीं दिया जा सकता है। खुशी गंभीर रूप से बीमार लोगों के जीवन को लंबा नहीं कर सकती। लेकिन यह स्वस्थ लोगों के जीवन को लंबा करने में उपयोगी होती है।

दिल की सेहत
पॉजिटिवसाइकोलॉजी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि खुश रहने से हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है। जिससे 13-26 प्रतिशत तक हृदय रोग का जोखिम कम हो जाता है। ऐसे में अगर आप लंबे समय तक अपने दिल की सेहत को अच्छा बनाए रखना चाहते हैं तो हमेशा खुश रहने की कोशिश करें।

बदन दर्द से राहत-
खुश रहने वाले लोगों को दुखी रहने वाले लोगों की तुलना में दर्द का अहसास कम होता है। हैप्पीनेस को लेकर हुए एक रिसर्च में यह पाया गया कि, खुश रहने वाले व्यक्तियों में मांसपेशियों में खिंचाव,चक्कर आना और हार्टबर्न जैसी समस्याओं में दर्द का असर कम होता है। व्यक्ति का अच्छा मूड उसकी सेहत पर सकारात्मक असर डालता है।

स्ट्रेस की छुट्टी-
खुश रहने वाले लोग चिंता और तनाव जैसी मानसिक समस्याओं से दूर रहते हैं। तनाव न केवल मनोवैज्ञानिक स्तर पर व्यक्ति को परेशान करता है बल्कि इसकी वजह से हॉर्मोन में बदलाव और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं भी व्यक्ति के लिए चिंता का कारण बन सकती हैं। जबकि खुश रहने वाले लोगों में कार्टिसोल हॉर्मोन का स्तर भी कम रहता है।

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