अमेरिका की सिलिकॉन वैली में भारतीय मूल के लोगों ने कनाडा और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए एक रैली निकाली है। मिलपिटास सिटी हॉल में बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों की एक सभा को संबोधित करते हुए समुदाय के नेताओं ने हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों के बारे में बात की। समूह ने अमेरिका से मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करने और कनाडा और बांग्लादेश सरकारों को अपने हिंदू अल्पसंख्यक आबादी की सुरक्षा के लिए जवाबदेह ठहराने की भी अपील की है। रैली में लोग “खालिस्तानी आतंकवाद को रोकें, कनाडाई-हिंदुओं की रक्षा करें”, “इस्लामी आतंकवाद को रोकें, बांग्लादेशी-हिंदुओं की रक्षा करें” के नारे लगाते भी दिखे।
समूह की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि भारतीयों ने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हिंदू भक्तों पर हमले पर निराशा व्यक्त की है। पिछले महीने कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानी आतंकियों ने हिंदुओं पर हमला कर दिया था। प्रेस रिलीज में कहा गया है, “हमने देखा कि खालिस्तानी आतंकी मंदिर परिसर में घुसकर पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के साथ मारपीट कर रहे हैं। दिवाली का त्यौहार मनाने गए हिंदुओं को उन गुंडों द्वारा परेशान होते देखना भयानक था। इससे भी बदतर यह था कि पुलिस पहले से ही खालिस्तान समर्थकों के साथ मिलीभगत कर चुकी थी और हिंदू भक्तों की पिटाई कर रही थी। कनाडा में हिंसा को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में पेश किया जा रहा है। कनाडा के हिंदुओं के बुनियादी मानवाधिकारों की रक्षा करने में ट्रूडो सरकार पर हमारा पूरा भरोसा खत्म हो गया है।”
गौरतलब है कि इस इलाके के बे एरिया में 2 लाख से ज्यादा भारतीय मूल के लोग रहते हैं। अमेरिकन्स फॉर हिंदूज के डॉ. रमेश जापरा ने कनाडा में हिंदुओं पर खालिस्तानियों और बांग्लादेश में कट्टरपंथी समूहों द्वारा किए गए हमलों की निंदा की। उन्होंने कहा, “हम एक परिवार हैं।” उत्तरी अमेरिका में हिंदुओं के गठबंधन (CoHNA) की पुष्पिता प्रसाद ने कनाडा में अपनी टीम को सिख फॉर जस्टिस द्वारा निशाना बनाए जाने के बारे में चिंता जताई है।
