जीवन और चिकित्सा बीमा पर जीएसटी की दरों में कटौती की मांग, 18% की जगह 5% जीएसटी लगाने की मांग

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नयी दिल्ली, बीमा कंपनियों के कर्मचारियों के परिसंघ ‘जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन’ ने जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने का विरोध करते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।
बीमा कंपनियों के कर्मचारियों के परिसंघ ‘जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन’ के महासचिव त्रिलोकसिह तथा क्लास-1 अधिकारियों के संगठन के महासचिव दर्शन कुमार वाधवा ने सोमवार को यहां संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा कि सरकार का यह फैसला अनुचित है और इससे स्वास्थ्य तथा जीवन बीमा पर 18 प्रतिशत की जीएसटी नीति बीमाधारकों की सामाजिक सुरक्षा पर बड़ा बोझ बन गया है। उनका कहना था कि जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा का मकसद बीमारी, दुर्घटना तथा अकाल मृत्यु की स्थिति में परिजनों को वित्तीय सुरक्षा और समर्थन प्रदान करना है, लेकिन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी बढ़ाने से आम लोगों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा इसलिए जीएसटी बढाने का फैसला वापस लिया जाना चाहिए।
कर्मचारी संगठन ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों में 20,000 से अधिक पद रिक्त हैं और कर्मचारियों की कमी के कारण प्रबंधन संचालन में कठिनाइयों का हवाला देकर कई कार्यालयों को बंद कर चुका है, लेकिन नियुक्तियां नहीं की जा रही है। उनका कहना था कि यदि प्रबंधन नियुक्तियां नहीं करता है तो कंपनियां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और अन्य सामाजिक योजनाओं को पूरा करने के अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर सकेंगी।

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