नई दिल्ली. हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है। इस बीच केंद्र सरकार ने एक बार फिर से किसानों से एमएसपी समेत कई लंबित मुद्दों पर बातचीत शुरू कर दी है। मंगलवार को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के कई संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम तब तक किसानों के साथ संवाद करेंगे, जब तक मसलों का समाधान नहीं हो जाता। चौहान ने कहा कि यह तो शुरुआत है। हम सभी मुद्दों पर बैठकर बात करेंगे और हर मसले का समाधान निकालने का प्रयास होगा।
किसानों से मुलाकात के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘हमें एमएसपी को मजबूत करने के सुझाव मिले हैं। हम उन पर विचार करेंगे।’ कृषि मंत्री ने इस मौके पर वादा किया कि हम किसानों के साथ हर मंगलवार को मीटिंग करेंगे और पूरे देश के किसानों से बातचीत की जाएगी। चौहान ने कहा कि यह पहले राउंड की वार्ता थी और किसानों ने इस दौरान इंश्योरेंस स्कीम से लेकर एमएसपी तक के मुद्दे को उठाया। हमने उनसे विचार करने की बात कही है और आगे भी चर्चा जारी रखने पर सहमति बनी है। मंत्री ने कहा कि हमने किसानों से बातचीत में कहा कि आप लोगों की सेवा करने हमारे लिए भगवान की पूजा करने जैसा ही है।
शिवराज सिंह चौहान ने ऐसे समय में किसानों से वार्ता की है, जब बड़ी संख्या में वे शंभू बॉर्डर पर जमे हैं। करीब 200 दिनों से किसान पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर डटे हैं और दिल्ली जाने देने की मांग कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार का वार्ता का प्रयास उन्हें साधने की कोशिश है। खासतौर पर हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने किसानों से वार्ता शुरू की है ताकि राज्य में भाजपा के लिए माहौल अनुकूल बनाया जा सके। कहा जा रहा है कि हरियाणा में किसान वर्ग के बीच भाजपा को लेकर नाराजगी है। खासतौर पर पंजाब से सटे इलाकों में ऐसा देखा जा रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार की वार्ता की कोशिश किसानों के अलावा चुनावों को भी साधने की रणनीति लगती है।
शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान मीटिंग में नहीं थे
इस मीटिंग में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र के प्रतिनिधि शामिल थे। इस संबंध में किसान नेताओं का कहना है कि हमने एमएसपी, पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना जैसे मुद्दे उठाए हैं। फिलहाल सरकार से इन पर विचार करने का आश्वासन मिला है। हालांकि इस मीटिंग में उन किसान संगठनों का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं था, जो बीते 7 महीनों से शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं।