घर में घुसने से पहले पैर क्यों धोना चाहिए? जानिए धर्म और विज्ञान का कनेक्शन

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घर के बड़े बुजुर्ग अकसर परिवार के सदस्यों को बाहर से घर लौटने पर जूते चप्पल बाहर ही उतारकर सबसे पहले पैरों को धोकर घर में घुसने की सलाह देते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के जूते हों या चप्पल बाहर की नकारात्मक ऊर्जा को घर में लाने का काम करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करने के पीछे वास्तु शास्त्र या कोई धार्मिक कारण ही नहीं है, आयुर्वेद भी व्यक्ति को हमेशा पैरों को धोकर घर में घुसने और रात को बिस्तर पर सोने जाने से पहले पैरों को धोने की सलाह देता है। आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे का असली कनेक्शन ।

पैरों को धोने के पीछे ये है असली कारण

आयुर्वेद में घर आने के बाद सबसे पहले पैर धोने को दिनचर्या का हिस्सा माना गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऐसा करने से न केवल पैरों की सफाई बनी रहती है, बल्कि व्यक्ति को मानसिक शांति मिलने के साथ तनाव को भी दूर करने में मदद मिलती है।

दूर होता है इंफेक्शन का खतरा

व्यक्ति जब घर से काम के लिए बाहर निकलता है तो उसके पैर धूल, गंदगी और बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं। जो घर लौटने पर पैर धोने से साफ हो जाते हैं। नतीजतन, पैरों की त्वचा हेल्दी बनी रहने के साथ इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है।

पैरों की थकान होती है कम

पूरा दिन काम करने के बाद शाम को घर लौटते-लौटते पैरों की थकान काफी ज्यादा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से कई बार पैरों में दर्द और अकड़न भी महसूस होने लगती है। ऐसे में पैरों को धोने के लिए डाला गया ठंडा पानी नसों में ब्लड फ्लो को तेज करके दर्द से राहत दे सकता है। जिससे पैरों की थकान और दर्द दूर होने के साथ व्यक्ति को फ्रेशनेस का अहसास होता है।

एथलीट फुट जैसी समस्या से होता है बचाव

कुछ लोग आलस की वजह से अपने पैर धोने से बचते हैं या फिर मोजों की वजह से अपने पैरों कीटाणुओं से सुरक्षित मानते हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है। दिनभर जूते पहने रहने की वजह से पैरों में पसीना आने लगता है, जिससे वहां बैक्‍टीरिया जमा हो जाते हैं। ऐसे में अगर पैरों को धो लिया जाए, तो ये बैक्‍टीरिया बिस्‍तर तक नहीं पहुंचकर एथलीट फुट का कारण नहीं बन पाते हैं।

संक्रमण का डर

फर्श के संपर्क में रहने की वजह से व्यक्ति के पैरों में सबसे ज्यादा धूल और कीटाणु चिपके रहते हैं। ऐसे में जब इन्‍हीं पैरों को व्यक्ति बिना धोए बिस्‍तर पर ले जाता है, तो यही धूल और कीटाणु आसानी से व्यक्ति की नाक, मुंह और त्‍वचा तक पहुंचकर संक्रमण फैलाते हैं। संक्रमण,बैक्टीरिया और फंगस के कारण होने वाली त्वचा से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए व्यक्ति को पैरों को धोने की सलाह दी जाती है।

पैर धोने का सही तरीका

आयुर्वेद में पैर धोने के कुछ खास नियम बताए गए हैं। जिनके अनुसार जब भी आप बाहर से घर पर आएं, सबसे पहले अपने हाथों के साथ पैरों को भी धोएं। गर्मियों के मौसम में ठंडे पानी से और सर्दियों में गुनगुने पानी से पैर धोएं।

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