केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को बाजार में गेंहू और आटे की कीमतों पर बराबर निगाह रखने तथा अवाश्यकता पड़ने पर कारगर नीतिगत हस्तक्षेप करने के निर्देश दिये हैं।
श्री शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को यहां आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की समीक्षा के लिये मंत्रियों की समिति की बैठक हुई जिसमें बाजार में गेहूं की कीमतों की स्थिति और स्टॉक आदि की विशेष रूप से समीक्षा की गयी ।
उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में बताया गया कि बैठक में गेहूं के सटॉक और मूल्यों की स्थिति पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। विज्ञप्ति के अनुसार श्री शाह ने बैठक में निर्देश दिया कि गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रखी जाये और उपभोक्ताओं के व्यापक हित में मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये आवश्यकता पड़ने पर उपयुक्त नीतिगत हस्तक्षेप किये जायें।
बैठक में बताया कि चालू रबी विपणन सत्र में 18 जून, 2024 तक लगभग 2.66 करोड़ टन गेहूं की खरीद की गयी है जो कि पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में अधिक है। पिछले साल इसी अवधि में गेहूं की सरकारी खरीद 2.62 लाख टन थी।
मंत्रालय का कहना है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिये लगभग 1.84 करोड़ टन गेहूं की आवश्यकता होती है। इसे पूरा करने के बाद जब भी आवश्यकता होती है तब बाजार हस्तक्षेप के लिये गेहूं का पर्याप्त भंडार उपलब्ध होता है।