आयुर्वेद के अनुसार गुड़ को ठण्ड में खाना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है और यह शरीर को गर्म रखने में मदद करती है. गर्मियों में यदि आप गुड़ का सेवन करते हैं तो डॉ. से परामर्श अवश्य ले लें. गर्मी में गुड़ खाने से यह आपकी गर्मी बढ़ा देता है, जिससे आपके नाक से खून आ सकता है, पाचन की समस्या हो सकती है. शरीर में सूजन या फिर पेट में जलन हो सकता है.
गठिया रोगी करें परहेज
इसीलिए गर्मियों में गठिया पीड़ितों को गुड़ से परहेज रखना जरूरी है. वहीं गुड़ में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. ऐसे में मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों को इसके सेवन से दूर रहने की सलाह है. खासकर तुरंत के बने ताजे गुड़ को खाने से कब्ज, अपच और गैस जैसी परेशानियां हो सकती हैं. कुछ सामान्य समस्या जोकि गुड़ की वजह से हो सकता है.
वजन बढ़ता है
गुड़ में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा भरपूर होती है जो कि आपको मोटापे की समस्या से ग्रसित करता है. बढ़ता वजन कई स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर आता है.
शुगर लेवल बढ़ता है
शरीर मे ब्लड शुगर लेवल की मात्रा बढ़ सकती है. डायबिटीज के मरीजों के लिए गुड़ का सेवन नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि गुड में ग्लाइसेमिक होता है जोकि शरीर में ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है.
जलन और सूजन
गुड़ में सुक्रोज की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड के बनने की क्षमता को प्रभावित करता है. इसकी वजह से आपको शरीर में जलन और सूजन हो सकता है. यही कारण है कि गठिया मरीजों को गुड़ के सेवन नहीं करने दिया जाता.