केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की विदेश नीति फिर एकबार रंग लाई है। ईरान में भारतीय दूतावास ने कहा है कि तेहरान द्वारा जब्त किए गए इजरायली जहाज पर सवार पांच भारतीय नाविकों को गुरुवार को रिहा कर दिया गया है। वे अब ईरान से बाहर निकल गए हैं। भारतीय दूतावास ने उनकी रिहाई के लिए ईरानी अधिकारियों को धन्यवाद दिया है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “एमएससी एरीज़ पर सवार पांच भारतीय नाविकों को आज शाम रिहा कर दिया गया और वे ईरान से चले गए। हम बंदर अब्बास में दूतावास और भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ घनिष्ठ समन्वय के लिए ईरानी अधिकारियों की सराहना करते हैं।”
इजरायल से जुड़े मालवाहक जहाज को 13 अप्रैल को ईरान ने जब्त कर लिया था, जिसमें 17 भारतीय नागरिक सवार थे। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स नेवी ने होर्मुज जलडमरूमध्य के पास कंटेनर जहाज को जब्त कर लिया। एमएससी एरीज़ को आखिरी बार 12 अप्रैल को दुबई के तट से दूर होर्मुज जलडमरूमध्य की ओर जाते हुए देखा गया था।
इससे पहले केरल के त्रिशूर की एन टेसा जोसेफ 18 अप्रैल को सुरक्षित रूप से अपने देश लौट आई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों में से एक सुरक्षित रूप से भारत लौट आई है और अन्य सुरक्षित हैं।
भारत में ईरानी राजदूत इराज इलाही ने भी कहा कि एमएससी एरीज़ के चालक दल के सदस्यों में शामिल भारतीय नागरिकों को हिरासत में नहीं लिया गया है। वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
कंटेनर जहाज की जब्ती के मद्देनजर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से बात की, जिसमें 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई का मुद्दा उठाया गया। अमीरबदोल्लाहियन ने कहा, “जहाज ने ईरान के क्षेत्रीय जल में अपने रडार को बंद कर दिया और नेविगेशन की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। न्यायिक नियमों के तहत हिरासत में लिया गया है।”