पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 56 करोड 80 लाख किसानों के आवेदन पंजीकृत किए गए और 23 करोड़ 22 लाख से अधिक किसानों को उनके दावाें का भुगतान किया गया।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि इस दौरान किसानों ने प्रीमियम के अपने हिस्से के रूप में लगभग 31 हजार 139 करोड़ रुपये चुकता किये, जिसके आधार पर उन्हें 1,55,977 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान दावे के रूप में किया गया। इस प्रकार, किसानों द्वारा भुगतान किए गए प्रत्येक 100 रुपये के प्रीमियम के लिए उन्हें लगभग 500 रुपये दावे के रूप में दिये गये।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मांग आधारित योजना है और यह राज्यों के साथ-साथ किसानों के लिए भी स्वैच्छिक है। वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान किसान आवेदनों की संख्या में साल-दर-साल क्रमशः 33.4 प्रतिशत और 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, वर्ष 2023-24 के दौरान, अब तक योजना के तहत नामांकित किसानों की संख्या में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही वित्त वर्ष 2023-24 में योजना के तहत बीमित कुल किसानों में से 42 प्रतिशत गैर-ऋणी किसान हैं।
प्रीमियम के मामले में वैश्विक स्तर पर यह तीसरी सबसे बड़ी बीमा योजना है, जो 2016 में शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाली फसल हानि या क्षति से सुरक्षा मिलती है। यह योजना विशेष रूप से प्राकृतिक आपदा और प्रतिकूल मौसमों में किसानों की आय को स्थिर करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने सहित अपने उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर रही है। इस केंद्रीय योजना के लिए राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को न तो कोई आवंटन किया जाता है और न कोई धनराशि जारी की जाती है।