एयर इंडिया विमान ने ईरानी हवाई क्षेत्र से नहीं भरी उड़ान, इजरायल पर ईरान के हमले की आहट तेज

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ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की आशंका लगातार बढ़ती जा रही है। तेहरान पहले ही जवाबी हमले की चेतावनी दे चुका है। मध्य-पूर्व में इन दिनों तनाव चरम पर है। इसे देखते हुए एयर इंडिया ने अपनी उड़ानों को अलर्ट जारी किया है। एयर इंडिया ने विमानों ने आज ईरान के एयर स्पेस से होकर उड़ान नहीं भरी। रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट्स ने ईरानी हवाई क्षेत्र से बचते हुए लंबा रास्ता चुना। दरअसल, अमेरिकी और दूसरे खुफिया आकलनों में कहा गया कि ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई रविवार तक हो सकती है। इस हमले के चलते बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ने का खतरा है। इसे ध्यान में रखते हुए पूरी सावधानी बरती जा रही है।

इससे पहले, शुक्रवार को भारत ने अपने नागरिकों से ईरान और इजरायल की यात्रा नहीं करने को कहा था। बताया जा रहा है कि अब और भारतीयों को निर्माण क्षेत्र में काम करने के लिए इजरायल जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले 64 भारतीय श्रमिकों का पहला जत्था इस महीने की शुरुआत में इजरायल के लिए रवाना हुआ था। भारत से 6,000 से अधिक निर्माण श्रमिकों को अप्रैल और मई में इजरायल के लिए रवाना होना था। विदेश मंत्रालय ने ईरान और इजरायल में रहने वाले भारतीयों को सलाह दी है कि अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सतर्कता बरतें और अपनी आवाजाही कम से कम रखें। भारतीयों को सलाह दी गई कि अगले नोटिस तक ईरान या इजरायल की यात्रा नहीं करें।

’48 घंटे के अंदर इजरायल पर हमले की आशंका’
मालूम हो कि दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ रहा है। ईरान ने हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। तेल अवीव से इस तरह की खबरें हैं कि इजरायली बल किसी अप्रिय स्थिति से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, ईरान ने इजरायल पर हमलों की कड़ी शुरू करने के लिए क्षेत्रीय प्रॉक्सी का उपयोग करने की योजना बनाई है। ईरान ने इस बीच संकेत दिया है कि अगर उसकी मांगें पूरी कर दी जाती हैं, तो वह तनाव कम करने को तैयार है। कुछ सूत्रों से ऐसी रिपोर्ट सामने आ रही हैं कि ईरान 48 घंटे के अंदर इजरायल पर हमला कर सकता है। सूत्रों ने कहा कि ईरान गाजा पट्टी में युद्धविराम सहित अपनी मांगें पूरी होने तक इससे पीछे हटने वाला नहीं है। यह भी कहा कि ईरान परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत फिर से शुरू करना चाहता है। ईरान अमेरिका से यह आश्वासन भी चाहता था कि वह नियंत्रित हमले की स्थिति में शामिल नहीं होगा, जिसे अमेरिका ने कथित तौर पर खारिज कर दिया है।

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