नई दिल्ली. कड़कड़डूमा अदालत ने मंगलवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के साम्प्रदायिक दंगों के एक मामले में नौ लोगों को सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई है. इन आरोपियों को 13 मार्च, 2020 को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में दोषी ठहराया गया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषियों के कृत्यों ने लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा की और समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को खतरे में डाला. अदालत ने इनको दंगा भड़काने दंगें की सजा, लूट और आगजनी समेत अन्य आरोपों में दोषी ठहराया था. यह दंगों का अब तक का पहला मामला है, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा सुनाई गई है. बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.
मकान समेत गोदाम में लूट के बाद आग लगाई थी
24 और 25 फरवरी 2020 की मध्यरात्रि को चमन पार्क, शिव विहार, तिराहा रोड पर आरोपियों ने गैरकानूनी तौर पर एकत्रित हो एक मकान समेत गोदाम में लूट के बाद आग लगा दी थी. अदालत ने कहा कि इन दोषियों का मकसद एक समुदाय विशेष के लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचाना था. दोषियों पर 21-21 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने जुर्माने की कुल राशि में से डेढ़ लाख रुपये शिकायतकर्ता महिला को मुआवजे के रूप में देने के निर्देश दिए हैं.