धनतेरस पर सोने-चांदी खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

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पिछले कई दिनों से सोने-चांदी में हो रही गिरावट आज ऐन धनतेरस पर थम गई। आज सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना 348 रुपये महंगा होकर 60445 रुपये प्रति 10 ग्राम के रेट से खुला जबकि, चांदी के भाव में भी 550 रुपये प्रति किलो का उछाल आ गया। सोना अब अपने ऑल टाइम हाई 61739 रुपये से 1294 रुपये सस्ता रह गया है। जबकि, चांदी 5 मई के रेट की तुलना में करीब 6800 रुपये सस्ती है।

आज के रेट इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी किए गए हैं। सोने-चांदी के इस रेट पर जीएसटी और ज्वेलरी मेकिंग चार्ज नहीं लगा है। हो सकता है आपके शहर में सोना-चांदी 1000 से 2000 रुपये महंगा मिल रहा हो।  सोना खरीदते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना है? सोने की शुद्धता, हॉलमार्क, एचयूआईडी और कैरेट के खेल को आइए अपने एक्सपर्ट से विस्तार से समझें…

सोने की शुद्धता और उसकी जांच को लेकर उठ रहे सवालों पर ऐश्प्रा जेम्स एंड ज्वेलरी के सौमित्र सराफ बताते हैं कि बाजार में तमाम तरह के नकली हॉलमार्क वाली ज्वेलरी भी बिक रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण स्मलिंग का सोना है। उन्होंने कहा कि आप ऐसी दुकानों से खरीदारी करें जहां, ओरिजनल हॉलमार्क और शुद्धता की पूरी गारंटी मिलती है। बाय बैक में किसी प्रकार की कटौती न हो।

कहां होता है खेल: अतुल सराफ के मुताबिक पहले टांके की ज्वेलरी का चलन था। तांबा, चांदी और जस्ते के मिश्रण से सोना टांका जाता था। इस जोड़ के कारण सोने की शुद्धता प्रभावित होती थी। जोड़ों और जेवर की स्किन की शुद्धता में बड़ा फर्क दिखता था। यहीं सबसे बड़ा खेल होता था। जिस जेवर जितना अधिक टांका, उसकी उतनी ही खराब शुद्धता। टांके की ज्लेवरी का चलन अब बहुत कम या न के बराबर है। अब सोने को या तो सोने से जोड़ा जाता है, या फिर जस्ते के मामूली से अंश को लेकर जोड़ा जाता है। यह जोड़ने के जस्ता उड़ जाता है।

क्यों हॉलमार्क की पड़ी जरूरत

सराफ बताते हैं कि पहले ज्वेलरी 23 कैरेट की बनती थी, लेकिन टांका होने के कारण इसकी शुद्धता 18 कैरेट रह जाती थी। अधिकतर ज्वेलर्स 23 कैरेट का दाम लेकर ग्राहकों को 18 कैरेट की ज्वेलरी थमा देते थे। इन बातों का हमेशा रखें ध्यान

  • पक्की रसीद अवश्य लें। यह रसीद आपको बाय बैक की पूरी गारंटी देगा।
  • यह जरूर सुनिश्चित करें कि कैश मेमो के ऊपर बाय बैक गारंटी साफ-साल लिखा हो।
  • कैश मेमो पर एचयूआईडी नंबर जरूर पड़ा हो ताकि संदेह की स्थिति में आप किसी भी हॉलमार्क सेंटर पर इसका क्रॉस वेरीफिकेशन करा सकें।
  • अगर दुकानदार के यहा कैरेट मीटर है तो शुद्धता की जांच अवश्य कराएं।

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