देश में परिवर्तन के दौर में सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका: मुर्मु

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि सिविल सेवकों ने देश के बहुमुखी विकास में बड़ी भूमिका निभाई है और देश में परिवर्तन का जो दौर आया है वह उनके दृढ़ संकल्प के बिना संभव नहीं हो सकता था।
गुरुग्राम में हरियाणा लाेक प्रशासन संस्थान (हिपा) के 98वें विशेष फाउंडेशन कोर्स में भाग ले रहे प्रशिक्षु अधिकारीयों के एक समूह ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की।
इस अवसर पर श्री मुर्मु ने कहा , “ सिविल सेवकों ने देश के बहुमुखी विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। वे देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए भी जिम्मेदार हैं। आज देश जिस परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, वह हमारे सिविल सेवकों के दृढ़ संकल्प के बिना संभव नहीं हो सकता था।”
राष्ट्रपति ने कहा कि देश में समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करना सिविल सेवकों का कर्तव्य है। सभी नागरिक देश की विकास यात्रा में सक्रिय भागीदार हैं। उन्होंने उनसे विभिन्न कार्यक्रमों के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए जनभागीदारी को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि काल और परिस्थिति के अनुसार सुशासन के मायने बदल जाते हैं। उन्होंने कहा कि नवीनतम तकनीकों की मदद से नागरिकों को त्वरित एवं कुशल सेवा आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ही ‘इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस, स्मार्ट गवर्नेंस, प्रभावी गवर्नेंस’ तथा अन्य शब्द उभरे हैं।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में जब लोग अपनी शिकायतें तुरंत पोस्ट कर सकते हैं तो लोगों तक सेवाओं की आपूर्ति के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करने की आवश्यकता कई गुना बढ़ गई है। आम लोगों की शिकायतों एवं समस्याओं पर तत्काल प्रतिक्रिया करना सिविल सेवकों का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि युवा अधिकारियों को ऐसे नवोन्वेषी कदम उठाने चाहिए जो लघु एवं दीर्घावधि में नागरिकों और देश के लिए लाभदायक हों।

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