भारत मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र/क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के अनुसार: 14 जून, 2020 तक दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति
दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य अरब सागर के शेष हिस्सों, पूर्वोत्तर अरब सागर के कुछ हिस्सों, गुजरात राज्य, दादरा और नगर हवेली, महाराष्ट्र के शेष भागों (मुंबई सहित), मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ व झारखंड के अधिकांश हिस्सों और बिहार के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ा है।
एक कम दबाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से तटीय ओडिशा तक निचले क्षोभमण्डल स्तरों पर मौजूद है।
पूर्व-पश्चिम कर्तन (शीर) क्षेत्र, मध्य भारत में अक्षांश 22° उत्तर के साथ समुद्र तल से 3.1 और 4.5 किमी ऊपर मौजूद है।
एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्व मध्य प्रदेश और आस-पास के क्षेत्रों में मध्य-क्षोभमंडल में स्थित है।
उपरोक्त प्रणालियों के प्रभाव से, अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर अरब सागर, गुजरात व मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के शेष हिस्सों और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।
अगले 4-5 दिनों के दौरान महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य और पूर्व भारत के अधिकांश हिस्सों में व्यापक रूप से वर्षा होने की प्रबल संभावना है तथा अगले 2-3 दिनों के दौरान कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा एवं दक्षिण मध्य प्रदेश, विदर्भ छत्तीसगढ़ और मराठवाड़ा के अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की सम्भावना है।