दाऊदी बोहरा समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और वक्फ संशोधन अधिनियम के लिए उनका आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह समुदाय की लंबे समय से लंबित मांग थी। दाऊदी बोहरा समुदाय ने आगे प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के विजन पर भी विश्वास जताया। उन्होंने कहा कि वे इस सोच के साथ खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। बता दें कि दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल की पीएम मोदी के साथ मुलाकात के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद रहे।
बोहरा मुसलमान
बोहराओं ने अपना नाम गुजराती शब्द “वाहौरौ” से लिया है, जिसका अर्थ है “व्यापार करना”। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार “बोहराओं में शिया के अलावा, अक्सर व्यापारी वर्ग, सुन्नी अल्पसंख्यक शामिल होते हैं जो आमतौर पर किसान होते हैं। मुस्तली संप्रदाय जो मिस्र में उत्पन्न हुआ और बाद में यमन में अपना धार्मिक केंद्र स्थानांतरित कर दिया, 11 वीं शताब्दी के मिशनरियों के माध्यम से भारत में पैर जमा लिया। 1539 के बाद, जिस समय तक भारतीय समुदाय काफी बड़ा हो गया था, संप्रदाय की सीट यमन से सिद्धपुर (गुजरात का पाटन जिला), भारत में स्थानांतरित कर दी गई थी। सुन्नी बोहरा हनफी इस्लामिक लॉ का पालन करते हैं। हालांकि, शियाओं के दाऊदी बोहरा समुदाय से वो बहुत अलग नहीं हैं।
