कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में करारी हार को लेकर पहली बार बयान दिया है। उन्होंने बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल की मीटिंग में कहा कि ये परिणाम हमारे लिए निराशाजनक रहे हैं। यही नहीं उन्होंने 2024 के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है। उन्होंने मीटिंग में कहा, ‘छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव परिणाम पार्टी के लिए बेहद निराशाजनक रहे।’ सोनिया गांधी ने कहा कि हम भारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं लेकिन हमें विश्वास है कि हमारा धैर्य, हमें सफलता दिलाएगा। हमारी विचारधारा और मूल्य हमारे मार्गदर्शक हैं।
उन्होंने पार्टी नेताओं को लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयार रहने को कहा है। सोनिया गांधी ने कहा कि कुछ माह में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। पार्टी के और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्य के तौर पर हमें कठिन परिश्रम करना है। उन्होंने इस दौरान संसद के दोनों सदनों से विपक्ष के 141 सांसदों के निलंबन पर भी प्रतिक्रिया दी। सोनिया ने कहा कि इस सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। उन्होंने कहा कि विविधता भारत की ताकत है, भाजपा ने एकता की इस भावना को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर किया है। गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली में INDIA अलायंस की मीटिंग हुई थी। इसमें 28 दलों के नेता मौजूद थे।
इस बैठक के दौरान ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने मल्लिकार्जुन खरगे का नाम पीएम फेस के तौर पर प्रस्तावित किया था। हालांकि इसे लेकर खुद खरगे ने ही मीटिंग के बाद कहा कि हमें पहले तो सांसद के तौर पर अपनी सीटों को जीतने की जरूरत है। पीएम को लेकर फैसला तो जीत के बाद ही किया जाएगा। माना जा रहा है कि ममता और केजरीवाल ने दलित चेहरा होने के चलते खरगे का नाम आगे बढ़ाया है। वहीं कांग्रेस के किसी भी नेता ने पीएम फेस को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। इसके अलावा खरगे के नाम पर भी कोई कुछ नहीं बोल रहा है। माना जा रहा है कि खरगे के नाम को लेकर खुद कांग्रेस भी तैयार नहीं थी, लेकिन अचानक ही ममता और केजरीवाल ने उनका नाम आगे बढ़ाया तो उन्हें रोक भी नहीं सकी।