लोकसभा इलेक्शन की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों ने इसे लेकर कई सारे सवाल खड़े किए। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से शनिवार को इसी बारे में प्रश्न किया गया। इस पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि अगर उनके पास पद छोड़ने के लिए व्यक्तिगत कारण रहे तो पैनल इसका सम्मान करता है। राजीव कुमार 2 नए चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों घोषणा के बाद पत्रकारों को जवाब दे रहे थे। अरुण गोयल को शानदार टीम सदस्य बताते हुए कुमार ने कहा कि भारत के इलेक्शन कमीशन में हमेशा असहमति रहेगी।
राजीव कुमार से एक पत्रकार ने पूछा कि अरुण गोयल के इस्तीफे के पीछे का कारण रहा? इस पर उन्होंने कहा कि मुझे उनके साथ काम करने में हमेशा आनंद मिला। मगर, हर संस्थान में किसी को पर्सनल स्पेस देना होगा और मुझे लगता है कि व्यक्तिगत स्थान को छुआ नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी को लेकर व्यक्तिगत प्रश्न पूछते वक्त असंवेदनशील नहीं होना चाहिए। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘अगर उनके इस्तीफे को लेकर व्यक्तिगत कारण थे तो यह ठीक है और आपको इसका सम्मान करना चाहिए।’
नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक की मांग
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। इन याचिकाओं पर शुक्रवार को असहमति व्यक्त करते हुए अदालत ने कहा कि इस मामले में 21 मार्च को सुनवाई होगी। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि मामला पहले भी दो बार शीर्ष अदालत के समक्ष आ चुका है। अदालत आमतौर पर अंतरिम आदेश के जरिए किसी कानून पर रोक नहीं लगाती। शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता विकास सिंह ने एक संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के पद पर नियुक्ति एक पैनल द्वारा की जानी चाहिए। इसमें एससी के मुख्य न्यायाधीश का होना जरूरी है।