अफगानिस्तान के उत्तरी इलाके में मौजूद अश्काशाम में 5.7 तीव्रता का भूकंप आया. इसका केंद्र अश्काशाम से 28 किलोमीटर दूर जमीन के अंदर 255 किलोमीटर की गहराई में था. ये जमीन की दूसरी लेयर यानी मेंटल के आसपास होने वाली गतिविधि थी. इसकी वजह से फिलहाल किसी नुकसान की खबर नहीं आई है. पिछले साल अक्तूबर में आए 6.3 तीव्रता के भूकंप ने तालिबान शासित देश में भारी तबाही मचाई थी. कई लोग मारे गए थे. आज अफगानिस्तान में जो भूकंप आया, उसके झटके जम्मू और कश्मीर, दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए हैं.
पिछले साल अक्तूबर महीने में अफगानिस्तान में एक के बाद एक तीन भूकंप आए थे. तीनों की तीव्रता भी ज्यादा थी. 7 अक्तूबर को 6.3, 11 अक्तूबर को 6.3 और 15 अक्तूबर को 6.4. इसकी वजह से 1500 लोग हेरात और आसपास के इलाकों में मारे गए थे. डेढ़ लाख लोगों ने घर बर्बाद हो गए थे. तीन जिले में इमारतें धवस्त हो गई थीं.
केंद्र हिंदूकुश पहाड़ों के नीचे अक्सर जमीन हिल जाती है. इन भूकंपों की वजह से भारत, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, चीन, उजबेकिस्तान और किर्गिस्तान तक हिल जाते हैं. हैरानी इस बात की है कि ये भूकंप बहुत ज्यादा गहराई में था. यानी धरती की दूसरी लेयर मेंटल के आसपास.