महाराष्ट्र में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद ही उपमुख्यमंत्री और एनसीपी चीफ अजित पवार को बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग ट्राइब्यूनल ने पवार की 1 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मुक्त कर दी है। 7 अक्टूबर 2021 में छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने इस संपत्ति को जब्त कर लिया था। इसमें उनकी पत्नी सुनेत्रा और बेटे पार्थ की संपत्ति शामिल हैं। उस समय वह शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का हिस्सा थे।
ट्राइब्यूनल ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, आयकर विभाग कोई ऐसा सबूत पेश नहीं कर पाया है जिससे पता चले कि इन संपत्तियों के मामले में बेनामी लेनदेन किया गया। बैंकिंग सिस्टम के जरिए ही सारे लेनदेन हुए थे। आयकर विभाग ने अजित पवार की जिन संपत्तियों को जब्त किया था उसमें दिल्ली का एक फ्लैट, सतारा की शुगर फैक्ट्री और गोवा का रिजोर्ट शामिल था।
पवार की तरफ से पेश हुए वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि पवार परिवार ने इन संपत्तियों को लेकर कोई गड़बड़ी नहीं की है और उनके खिलाफ लगे आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि वैध माध्यम के जरिए ही सारा लेनदेन किया गया था। आयकर विभाग भी ऐसा कोई सबूत नहीं दे पाया है जिससे पवार परिवार और बेनामी लेनदेन के बीच कोई कनेक्शन मिले।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि 5 नवंबर 2024 को आयकर विभाग ने कहा था कि ट्राइब्यूनल अपने आदेश पर एक बार फिर विचार करे। हालांकि ट्राइब्यूनल ने आयकर विभाग की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। आपको बताते चलें के विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार ने जो हलफनामा दिया था उसके मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 124 करोड़ की है। उन्होंने बताया था कि उनके पास 14.12 लाख कैश और अकाउंट में 6.81 लाख रुपये जमा है। इसके अलावा उनके पास टोयोटा कैमरी, होंडा सीआरवी और 3 ट्रेलर ट्रैक्टर हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी केपास 10 लाख की गाड़ी है।