नरेंद्र मोदी सरकार केंद्र में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने के लिए तैयार है, जबकि अगले साल मई में होने वाले आम चुनावों में पार्टी ने 350 से अधिक लोकसभा सीटों का लक्ष्य रखा है।
साल 2024 भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी पंचायत स्तर पर चुनाव जीतने से लेकर संसद की ओर कदम बढ़ाते हुए सत्ता को मजबूत करना चाहती है।
भाजपा न केवल 2024 का आम चुनाव जीतकर केंद्र में तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना चाहती है, बल्कि इससे यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि भारत की जनता ने स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार में अपना विश्वास जताया है।
2024 के लोकसभा चुनाव में तीसरा कार्यकाल हासिल कर बीजेपी के केंद्र की सत्ता में वापस आने के बाद, भगवा पार्टी देश के पहले प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता जवाहरलाल नेहरू के पीएम बनने की बराबरी कर देश में एक नया रिकॉर्ड बनाएगी। 1947 में भारत की आजादी के बाद नेहरू लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव जीतेे थे । 2024 में सत्ता में वापस आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस रिकॉर्ड की भी बराबरी कर लेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर करीब 38 फीसदी वोट हासिल कर 303 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 350 प्लस सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पार्टी कई मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है। अगर बीजेपी अकेले 350 प्लस सीटों का लक्ष्य हासिल कर लेती है, तो एनडीए सहयोगियों के साथ मिलकर आगामी आम चुनाव में उसकी सीटों की संख्या 400 के आसपास पहुंच जाएगी।
केंद्र में लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने एक साल से अधिक समय पहले 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। एक तरफ पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली 303 सीटों पर पूरा फोकस कर रही है, वहीं दूसरी तरफ देश की 160 ‘कमजोर सीटों’ पर भी खास तैयारी कर रही है।
इन 160 लोकसभा सीटों में सोनिया गांधी की रायबरेली, अखिलेश यादव के परिवार का गढ़ मैनपुरी, शरद पवार के परिवार का गढ़ बारामती के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत की वे सीटें शामिल हैं जहां पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव में जीत नहीं पाई थी।
इन 160 लोकसभा सीटों पर फोकस करते हुए भगवा पार्टी लंबे समय से अपने दिग्गज मंत्रियों और नेताओं को इन संसदीय क्षेत्रों में तैनात कर ‘लोकसभा प्रवास योजना’ अभियान चला रही है। इन सभी 160 लोकसभा क्षेत्रों में प्रत्येक विधानसभा सीट पर स्थानीय पार्टी नेताओं को तैनात करने का भी निर्णय लिया गया है।
इन 160 लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत राज्य विधानसभा की लगभग 1,000 सीटें आती हैं। बीजेपी ने पहले फैसला किया था कि वह देश की उन 160 लोकसभा सीटों पर चुनाव की घोषणा से पहले ही पर्यवेक्षक तैनात कर देगी, जिन्हें बीजेपी के लिए ‘कमजोर सीटें’ माना जा रहा है. बाद में इसकी संख्या बढ़ती गई और अब बीजेपी देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर पर्यवेक्षक तैनात कर रही है।
एक तरफ बीजेपी प्रचार के पारंपरिक माध्यम यानी ‘लोकसभा प्रवास योजना’, ‘विस्तारक योजना’ और ‘विकास भारत संकल्प यात्रा’ जैसे अभियानों के जरिए मतदाताओं से सीधे जुड़ रही है और लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, दूसरी ओर, भगवा पार्टी भी देश भर में ‘कॉल सेंटर’ स्थापित करके ‘नमो ऐप’ जैसे आधुनिक संचार माध्यमों का भरपूर उपयोग कर रही है।