हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में लोगों को वायु प्रदूषण और जहरीली हवा की वजह से सहत से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस साल भी राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को सेहत से जुड़ी कई परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। हवा में पाए जाने वाले हानिकारक कण खासतौर से बच्चों और बुजुर्गों के लिए समस्या का कारण बनते हैं। दरअसल इस जहरीली हवा में सांस लेने की वजह से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है। जिसकी वजह से बच्चों में निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस – ब्रोन्किओल्स की सूजन जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर बात करते हुए सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता का कहना है कि वायु प्रदूषण वयस्कों की तुलना में बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। ऐसे में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता से ही जानते हैं आखिर बढ़ता प्रदूषण कैसे बच्चों की सेहत को प्रभावित कर रहा है।
बढ़ते प्रदूषण का बच्चों पर बुरा असर-
गर्भावस्था के दौरान अगर प्रेग्नेंट महिला वायु प्रदूषण के संपर्क में ज्यादा रहती है तो उसके होने वाले बच्चे को जन्म के बाद एलर्जी होने की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है। इसके अलावा 3 साल से छोटे बच्चों के फेफड़े अभी विकसित हो रहे हैं इसलिए थोड़ा सा भी प्रदूषण बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। सड़कों पर बढ़ता प्रदूषण और स्मोकिंग का धुंआ न सिर्फ एलर्जी या अस्थमा रोगियों को ही प्रभावित नहीं करता है बल्कि इसका बुरा असर सामान्य लोगों के जीवन पर भी पड़ता है। प्रदूषित हवा के कारण बच्चों में निमोनिया, फेफड़ों की समस्याएं, कमजोर दिल, ब्रोंकाइटिस, साइनस और अस्थमा जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है और बच्चों के फेफड़े कमजोर हो जाते हैं।
बच्चों को प्रदूषण से कैसे बचाएं-
-प्रदूषण से बचने के लिए सुबह जल्दी और देर शाम बाहर निकलने से बचें। इस समय प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा बना रहता है।
– घर से बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनकर बाहर जाएं।
-सुबह पार्क में एक्सरसाइज करते समय लंबी गहरी सांस न लें। ऐसा करते समय आप प्रदूषित हवा को अपने भीतर ले रहे होते हैं।
-प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए बच्चों को रोज रात में भाप जरूर दें।
-बच्चों की डाइट में विटामिन सी और जिंक से भरपूर चीजें शामिल करें, जिससे इम्यूनिटी मजबूत बन सके।
-घर के अंदर कम से कम धुएं वाली चीजों का उपयोग करें, सिगरेट या तंबाकू का सेवन करने से बचें।