बागी’ विधायकों की अयोग्यता मामले में अध्यक्ष 17 अक्टूबर तक समय बताएं: सुप्रीम कोर्ट

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उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बागी विधायकों के खिलाफ शुरू की गई अयोग्यता की कार्यवाही पर फैसला करने की समय- सारिणी 17 अक्टूबर तक बताएं।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसला करने में देरी पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा,“ अयोग्यता की कार्यवाही को दिखावे तक सीमित नहीं किया जा सकता।”
पीठ ने कहा, “अध्यक्ष दसवीं अनुसूची के तहत न्यायाधिकरण के रूप में कार्य करता है और वह इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में संशोधन योग्य है। उसके समक्ष कार्यवाही को दिखावे तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए। हमें विश्वास की भावना पैदा करनी होगी।”
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह इस अदालत के आदेश को खारिज नहीं कर सकते, इस लिए उन्हें इस मामले का फैसला करना होगा।
पीठ ने सॉलिसिटर जनरल से कहा, ‘आपको अध्यक्ष को अवगत कराना चाहिए, उन्हें एक समय-सारणी तय करनी होगी…हमारे आदेश का कार्यान्वयन नहीं हो रहा है, यह हमारी चिंता है।’
शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने इस मामले में फैसला करने के लिए 14 जुलाई को नोटिस जारी किया था और 18 सितंबर को इसके बारे में फिर से समय-सारिणी तय करने को कहा था।
पीठ ने मौखिक रूप से कहा, “हम यह कहने के लिए बाध्य हैं कि उन्हें दो महीने के भीतर निर्णय लेना होगा। कोई नहीं कह रहा है कि क्या निर्णय लेना है। विचार यह है कि अगले चुनाव तक इसे यूं ही न चलने दिया जाए और मामले को निरर्थक बना दिया जाए। हम सरकार की हर शाखा का सम्मान करते हैं, लेकिन इस अदालत का आदेश लागू करना होगा।’

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