जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को लेकर पारित किये गये प्रस्ताव पर राज्य विधानसभा में तो आज लगातार तीसरे दिन हंगामा देखने को मिला ही साथ ही यह मुद्दा अब राष्ट्रीय राजनीति का भी विषय बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पारित प्रस्ताव की आलोचना करते हुए विपक्षी इंडिया गठबंधन को जोरदार तरीके से घेरा है। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री आज महाराष्ट्र के चुनावी दौरे पर थे। दोनों ही नेताओं ने अपनी सभाओं के माध्यम से अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाते हुए देश को विश्वास दिलाया कि अब कोई ताकत इसे वापस नहीं लौटा सकती है। महाराष्ट्र के धुले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जैसे ही कांग्रेस और INDI गठबंधन को जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का मौका मिला, उन्होंने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिशें शुरू कर दीं। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले उन्होंने अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया… क्या देश यह स्वीकार करेगा?” उन्होंने कहा कि अब कोई ताकत अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर में वापस नहीं ला सकती है।
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में धारा 370 को वापस लाने के लिए प्रस्ताव पारित किया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है।” उन्होंने कहा कि आज मैं संभाजी महाराज की धरती पर कह रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पीढ़ियां आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”
उधर, जम्मू-कश्मीर विधानसभा की बात करें तो आपको बता दें कि आज तीसरे दिन भी तब हंगामा हुआ जब भाजपा सदस्यों ने विशेष दर्जे के प्रस्ताव का विरोध किया। इसके चलते अध्यक्ष को 12 विपक्षी विधायकों और लंगेट से विधायक शेख खुर्शीद को बाहर निकालना पड़ा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने ‘पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा’ जैसे नारे लगाए। भाजपा विधायक आसन के समक्ष भी आ गए जिसके बाद अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने निर्देश दिया कि उन्हें बाहर निकाल दिया जाए। उन्हें बाहर निकाले जाने के तुरंत बाद 11 अन्य भाजपा विधायकों ने विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। हम आपको बता दें कि सदन में पिछले दो दिन से हंगामा हो रहा है क्योंकि भाजपा विधायक प्रस्ताव पारित होने का विरोध कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने मंगलवार को प्रस्ताव पेश किया था जिसमें कहा गया था, ‘‘यह विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटियों के महत्व की पुष्टि करती है, जिसने जम्मू और कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति एवं अधिकारों की रक्षा की, तथा इन्हें एकतरफा ढंग से हटाए जाने पर चिंता व्यक्त करती है।’’ विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक ढंग से सदन को नहीं चलाया जा रहा है।