अमेरिका के 145% टैरिफ के बाद चीन की प्रतिक्रिया, 125% टैरिफ के साथ बढ़ाया जवाब

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चीन ने अमेरिका के साथ चल रहे व्यापारिक तनाव को और बढ़ा दिया है। बीजिंग ने अमेरिकी सामानों पर 125% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह कदम यूएस की ओर से हाल ही में चीनी उत्पादों पर लगाए गए नए टैरिफ के जवाब में उठाया गया है। दोनों देशों के बीच जैसे को तैसा वाली कार्रवाई वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल सकती है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय की ओर से कहा गया, ‘यह फैसला अमेरिका के अनुचित व्यापारिक प्रतिबंधों का जवाब है, जिसे चीन अपनी संप्रभुता और आर्थिक हितों पर हमला मानता है।’

चीन की ओर से लगाए गए नए टैरिफ का दायरा व्यापक है। इसमें अमेरिका से आयातित कृषि उत्पाद, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, और अन्य उपभोक्ता सामान शामिल हैं। खासतौर से सोयाबीन, मक्का, और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर को टारगेट किया गया है, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।

अमेरिका और चीन का टैरिफ पर क्या है तर्क

मालूम हो कि यह व्यापार युद्ध कोई नई बात नहीं है। 2018 से शुरू हुआ यह टकराव समय-समय पर तीव्र होता रहा है। अमेरिका का दावा है कि चीन अनुचित व्यापार प्रथाओं, इंटेलेक्चुअल इंटेलिजेंस की चोरी और बाजार में अनैतिक सब्सिडी जैसे कदमों के जरिए वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचा रहा है। दूसरी ओर, चीन का कहना है कि यूएस अपनी आर्थिक प्रभुता को बनाए रखने की कोशिश कर रहा है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर रहा है।

किस तरह का हो सकता है असर

नए टैरिफ से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ना तय है। अमेरिकी निर्यातक इस कदम से सबसे अधिक प्रभावित होंगे। वहीं, चीन में उपभोक्ताओं को आयातित सामानों की कीमतों में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। वैश्विक स्तर पर इस कदम से आपूर्ति श्रृंखला में और रुकावट हो सकता है, जिससे महंगाई बढ़ने की आशंका है।

ट्रंप के टैरिफ को एकतरफा धमकी बता रहे जिनपिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने ट्रंप के टैरिफ को एकतरफा धमकी और आर्थिक दबाव करार दिया। उन्होंने कहा कि यह वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन करता है। शी ने स्पष्ट किया कि चीन इस तरह के ब्लैकमेल को स्वीकार नहीं करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए अंत तक लड़ेगा। इस तरह टैरिफ को लेकर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

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